बिकरु कांड : बसपा ने बड़ा ब्राह्मण कार्ड खेला, खुशी दुबे का मुकदमा लड़ेंगे सतीश मिश्रा
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसके साथ ही दलित और ब्राह्मण वोटर्स को अपनी तरफ साधने की कोशिश में जुट गई हैं। बीते साल हुए बिकरू कांड में पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे का मुकदमा बसपा के राष्ट्रीय महासचिव राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा लड़ेंगे।
पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था अमर दुबे
बीते साल 2 जुलाई 2020 को कुख्यात बिकरू नरसंहार से ठीक तीन दिन पहले खुशी की शादी अमर दुबे (विकास के चचेरे भाई) से हुई थी। बिकरू में नौ पुलिसकर्मी मारे गए थे। फिर पुलिस ने 11 दिन बाद 13 जुलाई को अमर दुबे को मुठभेड़ में मारा दिया था। पुलिस ने खुशी दुबे के उपर विकास दुबे के गिरोह का सदस्य होने का आरोप लगाया गया था। इसे पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। फिर किशोर न्याय बोर्ड ने उसे नाबालिग करार दे दिया था और फिर खुशी कानपुर जेल से बाराबंकी महिला आश्रय गृह भेज दी गई। नाबालिग करार देने के बाद भी खुशी को जमानत नहीं मिली थी।
शिवकांत दीक्षित लड़ रहे हैं खुशी दुबे का केस
इस मामले को लेकर खुशी के परिजनों ने कानपुर देहात की विशेष अदालत में हलफनामा पेश कर दावा किया था कि वह नाबालिग है। इस केस को पहले से खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित लड़ रहे हैं। अब बसपा के इस बयान के बाद उन्होंने कहा- मुझे किसी पार्टी विशेष में दिलचस्पी नहीं है। खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई में यदि कोई हमारा साथ देना चाहता है तो उसका स्वागत है। हालांकि, मुझसे अभी तक किसी ने संपर्क नहीं किया है
ब्राह्मण सम्मेलन की तैयारी
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत अयोध्या से 23 जुलाई को होगी। बसपा ने अपने ब्राह्मण चेहरे सतीश चन्द्र मिश्रा को लेकर ब्राह्मणों को एकत्र करने कोशिश की है।प्रदेश के 18 मंडलों के अलावा सभी जिलों में भी ब्राह्मण सम्मेलन होगा। अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन के लिए स्थान अभी तय नहीं है। अयोध्या में आयोजन की जिम्मेदारी बसपा नेता करुणाकर पांडे को दी गई है।