Prostate cancer : लक्षण, कारण, उपचार और समय रहते पहचान क्यों है ज़रूरी

Prostate Cancer
Prostate cancer पुरुषों में होने वाला एक आम कैंसर है, फिर भी इसे लेकर जागरूकता की कमी है। यह ब्लॉग प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जानकारी देता है, हाल के चिकित्सा के नई खोज को उजागर करता है, और उन लोगों की कहानियाँ साझा करता है जो इस बीमारी का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
What is Prostate cancer ? (प्रोस्टेट कैंसर क्या है?)
Prostate cancer प्रोस्टेट ग्रंथि में होता है, जो पुरुषों में सेमिनल फ्लूइड बनाने वाली छोटी ग्रंथि है। यह विश्व स्तर पर पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है, और भारत में इसके मामले बढ़ रहे हैं। 50 वर्ष से अधिक उम्र, परिवार में कैंसर का इतिहास, और कुछ नस्लों (जैसे अफ्रीकी मूल के लोग) में जोखिम अधिक होता है। शुरुआती चरणों में लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन बाद में पेशाब करने में कठिनाई, बार-बार पेशाब आना, या श्रोणि में दर्द हो सकता है।

Prostate-Specific Antigen (PSA) टेस्ट, जो एक साधारण रक्त परीक्षण है, प्रारंभिक निदान में मदद करता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को या जोखिम वाले लोगों को अपने डॉक्टर से स्क्रीनिंग के बारे में बात करनी चाहिए। डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) और एमआरआई जैसे टेस्ट भी निदान में सहायक हैं।
चिकित्सा में नई प्रगति
Prostate cancer के उपचार में हाल के वर्षों में कई प्रगतियाँ हुई हैं:
- सटीक निदान: 2025 में हुए शोध के अनुसार, मूत्र परीक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती पता लगाया जा सकता है, जिससे अनावश्यक बायोप्सी कम हो रही हैं। 4Kscore टेस्ट भी सटीकता बढ़ाता है।
- लक्षित उपचार: एनजाल्यूटामाइड और टालाजोपारिब जैसी दवाएँ मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर में जीवित रहने की अवधि बढ़ाती हैं। PARP इनहिबिटर्स जैसे ओलापारिब कुछ आनुवंशिक म्यूटेशन वाले मरीजों के लिए प्रभावी हैं।
- नई रेडिएशन थेरेपी: ल्यूटेशियम-177-PSMA-617 (LuPSMA) कैंसर कोशिकाओं को सीधे निशाना बनाता है, जिससे उन्नत मामलों में मृत्यु दर 40% तक कम हुई है। यह “स्मार्ट बम” तकनीक स्वस्थ ऊतकों को बचाती है।
- इम्यूनोथेरेपी: 2023 के शोध में पाया गया कि सर्जरी से पहले इम्यूनोथेरेपी (जैसे एनोब्लिटुजुमैब) उच्च जोखिम वाले मामलों में रिकवरी में सुधार करती है।
ये प्रगतियाँ क्लिनिकल ट्रायल्स के कारण संभव हुई हैं, जो नए उपचारों का रास्ता खोलती हैं।

प्रेरणादायक कहानियाँ
Prostate cancer सिर्फ आँकड़ों की बात नहीं, यह उन लोगों की कहानियों का प्रतीक है जो हिम्मत से इसका सामना करते हैं। ड्रू बाउटन, जिन्हें 2001 में 45 साल की उम्र में मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर का पता चला, इसका उदाहरण हैं। डॉक्टरों ने उन्हें दो साल का समय दिया, लेकिन सकारात्मक सोच और नई इम्यूनोथेरेपी (सिपुल्यूसेल-टी) की मदद से वे 20 साल बाद भी स्वस्थ हैं। वे अब दूसरों को स्क्रीनिंग और ट्रायल्स के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इसी तरह, जेरी बेम्ब्री, जो एक कैंसर योद्धा और जागरूकता कार्यकर्ता हैं, अपने भाई को इस बीमारी में खोने के बाद सक्रिय हुए। वे विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समुदायों में जागरूकता बढ़ाते हैं, क्योंकि कुछ समुदायों में मृत्यु का जोखिम 2-4 गुना अधिक है।
जागरूकता क्यों जरूरी है?
Prostate cancer के शुरुआती लक्षण कम दिखते हैं, इसलिए देर से निदान आम है। नियमित PSA टेस्ट और एमआरआई से कैंसर को शुरुआती चरण में पकड़ा जा सकता है, जिससे इलाज आसान और प्रभावी होता है। भारत में, जहाँ कैंसर के प्रति जागरूकता कम है, पुरुषों को अपने जोखिम की जाँच करनी चाहिए। ऑनलाइन जोखिम मूल्यांकन टूल्स, जैसे प्रोस्टेट कैंसर यूके का 30-सेकंड रिस्क चेकर, उम्र और परिवार के इतिहास के आधार पर जोखिम बता सकते हैं।

क्या करें?
- स्क्रीनिंग: 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष या जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास हो, उन्हें PSA टेस्ट करवाना चाहिए।
- जागरूक रहें: नई दवाओं और उपचारों की जानकारी रखें। क्लिनिकल ट्रायल्स में भाग लेने पर विचार करें।
- समुदाय का हिस्सा बनें: प्रोस्टेट कैंसर सपोर्ट ग्रुप्स से जुड़ें, जहाँ अनुभव और सलाह साझा होती है।
- स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, जैसे हरी सब्जियाँ और कम वसा वाला भोजन, जोखिम को कम कर सकता है।
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आगे की राह
प्रोस्टेट कैंसर एक चुनौती है, लेकिन नई तकनीकों और प्रेरणादायक कहानियों से उम्मीद बढ़ रही है। ड्रू और जेरी जैसे लोग हमें सिखाते हैं कि हिम्मत और जागरूकता से इस बीमारी को हराया जा सकता है। आज ही अपने जोखिम की जाँच करें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें।
Prostate cancer UK (prostatecanceruk.org) या अन्य विश्वसनीय संसाधनों से जानकारी लें। अपने और अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के लिए कदम उठाएँ।