जालसाजों ने लगाया डेढ़ लाख का चूना, तफ्तीश में जुटी नोएडा पुलिस
नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में ऑनलाइन ठगी और फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा मामला नोएडा सेक्टर 82 के पॉकेट 12 निवासी चंद्रकांत शर्मा से जुड़ा हुआ है। दरअसल चंद्रकांत शर्मा के इंडसइंड बैंक के क्रेडिट कार्ड केस जरिए करीब 1.40 लाख का फ्रॉड किया गया है जिसकी शिकायत उन्होंने नोएडा पुलिस समेत कई अन्य सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को कर दी है।
चंद्रकांत शर्मा ने बताया की “जब वो 19 सितंबर को सुबह जगे तब मोबाइल में मैसेज देखा तब पता चला कि मेरे साथ रात को चीटिंग की गई है मैंने तुरंत अपने नजदीकी साइबर सेल नोएडा में जाकर शिकायत प्रार्थना पत्र दिया और शिकायत प्रार्थना पत्र की कॉपी प्राप्त की और आरबीआई ,इंडसइंड बैंक क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट, नो ब्रोकर रेंट पेमेंट और पेयू पेमेंट्स को मेल के द्वारा फ्रॉड ट्रांजिशन की कंप्लेंट की”
चंद्रकांत शर्मा फ्रॉड करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं साथ अपने पैसे क्रेडिट कार्ड में वापस आने का इंजतार भी कर रहे हैं। वहीं नोएडा पुलिस इस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।
गौतमबुद्ध नगर में वर्ष 2020 में साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। इसका खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में हुआ है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के तहत संबंधित वर्ष में 1585 मामले नोएडा में दर्ज किए गए। साइबर अपराध के मामले में प्रदेश की राजधानी लखनऊ दूसरे नंबर पर रही।
मार्च 2020 में लॉकडाउन के दौरान अधिकतर लोगों ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए ही खरीदारी की। इसी बीच साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए। बीते वर्ष नोएडा में साइबर अपराध से जुड़े 1585 मामले दर्ज किए गए। यह पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के तहत लखनऊ में 1465, प्रयागराज में 1102, गाजियाबाद में 896 और वाराणसी में 564 केस दर्ज किए गए। रिपोर्ट दर्शाती है कि लॉकडाउन की वजह से अन्य अपराध का ग्राफ नीचे रहा क्योंकि लोग घर से बाहर नहीं निकल सके।
कम्प्यूटर हैकिंग की रिपोर्ट अधिक
नोएडा में दर्ज 1585 केस में से 803 कम्प्यूटर हैकिंग से संबंधित थे। 307 मामले आईटी एक्ट, 51 रेनसमवेयर वायरस अटैक, 25 बैंकिंग फ्रॉड, नौ साइबर ब्लैकमेलिंग के 19 डेबिट-क्रेडिट कार्ड से संबंधित दर्ज किए गए। इसके अलावा ठगों ने कई तरह के झांसे देकर पीड़ितों से उनका ओटीपी पूछकर भी ठगी
स्टाफ की कमी से नहीं सुलझते केस
अधिकतर मामलों के समय से ट्रेस न होने का कारण नोएडा साइबर सेल में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों की कमी को भी बताया जाता रहा है। यहां पर करीब 16 सबइंस्पेक्टर और अन्य कांस्टेबल स्तर के कर्मचारी हैं। पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से मुख्यालय को पत्र लिखकर साइबर सेल में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है। इसके तहत एक एसीपी रैंक के अधिकारी सहित 150 कर्मचारियों की मांग की गई है।
बचाव के तरीके
– इंटरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन लेन-देन का इस्तेमाल कभी भी सार्वजनिक स्थान जैसेकि साइबर कैफे, ऑफिस, पार्क, सार्वजनिक मीटिंग और किसी भीड़ वाले स्थान पर न करें।
– इंटरनेट बैंकिंग या किसी भी जरूरी अकाउंट में लॉगिन करें तो काम खत्म कर अपने अकाउंट को लॉगआउट करना न भूलें।
– अपने पर्सनल कंप्यूटर के पासवर्ड को मजबूत रखिए जो आसानी से किसी को पता न चले।
– किसी भी स्पैम ई-मेल का उत्तर न दें। अंजान ई-मेल में आए अटैचमेंट्स को कभी खोल कर न देखें या उस पर मौजूद लिंक पर क्लिक न करें।
– आकर्षक गिफ्ट या इनाम के झांसे में आकर अपनी निजी जानकारी, बैंक अकाउंट नंबर या बैंक से संबंधित कोई भी जानकारी न दें।