Ganesh Chaturthi Daan 2025 : क्या दान करें और कौन से मंत्र बोलें

Ganesh Chaturthi Daan 2025
Ganesh Chaturthi Daan, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान गणेश की आराधना के लिए मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि का दाता माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर भक्तजन गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं और दान-पुण्य करते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि गणेश चतुर्थी 2025 पर क्या दान करना चाहिए और कौन से मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व
Ganesh Chaturthi Daan : गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बाधाएं दूर होती हैं, और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पुराणों के अनुसार, इस दिन किए गए स्नान, दान, उपवास और जप जैसे सत्कर्म सौ गुना फल देते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समुदाय को एकजुट करता है और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देता है।

Ganesh Chaturthi Daan (गणेश चतुर्थी पर क्या दान करें?)
Ganesh Chaturthi Daan पुराणों में उल्लेख है कि गणेश चतुर्थी पर दान करने से गणपति की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन किए गए दान का फल कई गुना बढ़ जाता है। निम्नलिखित चीजों का दान करना शुभ माना जाता है:
- गुड़: गुड़ का दान इस दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। आप गुड़ के मालपुए बनाकर ब्राह्मणों को भोजन करा सकते हैं या गुड़ दान कर सकते हैं।
- घी: घी का दान करने से समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
- लवण (नमक): सेंधा नमक या समुद्री नमक का दान करना भी शुभ होता है।
- मोदक और लड्डू: गणेश जी को मोदक और लड्डू अति प्रिय हैं। इनका दान करना या भोग लगाने के बाद जरूरतमंदों में बांटना पुण्यकारी होता है।
- वस्त्र: स्वच्छ और नए वस्त्र दान करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
- फल और फूल: ताजे फल और फूल दान करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- दक्षिणा: आर्थिक स्थिति के अनुसार ब्राह्मणों को दक्षिणा देना भी शुभ माना जाता है।
विशेष सलाह: Ganesh Chaturthi Daan : दान हमेशा अपनी सामर्थ्य के अनुसार और सच्चे मन से करना चाहिए। गणेश चतुर्थी पर कन्याओं के लिए विशेष दान करना भी शुभ होता है, खासकर उन कन्याओं के लिए जो विवाह की कामना रखती हैं।
गणेश चतुर्थी पर जपने योग्य मंत्र
Ganesh Chaturthi Daan : गणेश चतुर्थी के दिन मंत्रों का जाप करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। नीचे कुछ शक्तिशाली मंत्र दिए गए हैं, जिनका जाप आप पूजा के दौरान कर सकते हैं:
वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र:
ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
- निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
अर्थ: हे वक्रतुण्ड, महाकाय, करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी, मेरे सभी कार्यों को निर्विघ्न करो। - गणेश गायत्री मंत्र:
ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
अर्थ: हम एकदंत भगवान गणेश का ध्यान करते हैं, जिनकी सूंड वक्र है, वे हमें बुद्धि से प्रेरित करें।

संकट नाशन गणेश मंत्र:
ॐ गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
- विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
अर्थ: इस मंत्र के जाप से सभी संकट दूर होते हैं और विश्व आपके वश में हो जाता है। - सौभाग्य मंत्र:
ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
अर्थ: यह मंत्र सौभाग्य और समृद्धि के लिए जप किया जाता है। - ऋण मुक्ति मंत्र:
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥
अर्थ: यह मंत्र ऋण से मुक्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए प्रभावी है।
आवाहन मंत्र:
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणं।
- उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्॥
अर्थ: इस मंत्र का उपयोग गणेश जी का आवाहन करने के लिए किया जाता है।
प्राण प्रतिष्ठा मंत्र:
ॐ अस्यै प्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च।
- अस्यै देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन॥
अर्थ: इस मंत्र का जाप गणेश जी की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा के लिए किया जाता है।
जाप की विधि:
- मंत्रों का जाप कम से कम 21, 51 या 108 बार करें।
- पूजा के समय शुद्ध मन और शांत वातावरण में बैठें।
- माला (रुद्राक्ष या तुलसी) का उपयोग करें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करें।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
- प्रातः स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- मूर्ति स्थापना: एक चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति पर्यावरण-अनुकूल (मिट्टी की) होनी चाहिए।
- आवाहन और प्राण प्रतिष्ठा: उपरोक्त आवाहन और प्राण प्रतिष्ठा मंत्रों का जाप करें।
- षोडशोपचार पूजा: गणेश जी को स्नान, वस्त्र, चंदन, रोली, सिंदूर, फूल, दूर्वा, मोदक, और लड्डू अर्पित करें।

मंत्र जाप और आरती: उपरोक्त मंत्रों का जाप करें और गणेश जी की आरती करें। प्रसिद्ध आरती है:
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
- माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
विसर्जन: 10वें दिन (6 सितंबर 2025, अनंत चतुर्दशी) पर गणेश विसर्जन करें। विसर्जन से पहले उत्तर पूजा करें और मंत्र बोलें:
गणेश त्वं प्रसन्नोऽसि नित्यं मे विघ्ननाशकः।
- इष्टकामप्रदो भूत्वा गच्छ देव गणालयम्॥
कुछ विशेष सावधानियां
- चंद्र दर्शन से बचें: गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से मिथ्या दोष लगता है। यदि गलती से चंद्र दर्शन हो जाए, तो संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें।
- शाकाहारी भोजन: पूजा और व्रत के दौरान शाकाहारी भोजन करें। प्याज, लहसुन और साधारण नमक से परहेज करें; सेंधा नमक का उपयोग करें।
- पर्यावरण-अनुकूल उत्सव: मिट्टी की मूर्ति का उपयोग करें और विसर्जन कृत्रिम टैंक या बाल्टी में करें ताकि पर्यावरण को नुकसान न हो।
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Ganesh Chaturthi Daan : गणेश चतुर्थी 2025 भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने का एक शुभ अवसर है। इस दिन गुड़, घी, लवण, और मोदक जैसे दान करें और उपरोक्त मंत्रों का जाप करें। विधिवत पूजा और सच्ची भक्ति से गणपति बप्पा आपके सभी विघ्न दूर करेंगे और आपकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। इस गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और उत्सव को भक्ति और उल्लास के साथ मनाएं।
गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया!