जब पत्रकार ने कहा थैंक्यू गाजियाबाद पुलिस, SHO बोले “आपकी सुरक्षा हमारा संकल्प”
नोएडा: पुलिस की कार्यप्रणाली पर हमेशा ही सवाल किए जाते हैं पर कई बार पुलिसकर्मी कुछ ऐसा भी करते हैं जिसके लिए उनकी प्रशंसा होनी ही चाहिए। ताजा वाक्या गाजियाबाद पुलिस से जुड़ा है जहां गाजियाबाद पुलिस के एक एसएचओ ने एक पत्रकार की रात करीब 12 बजे मदद की। मदद मुहैया कराने वाले SHO का नाम सौरभ विक्रम सिंह जो कि गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने में तैनात हैं।
दरअसल हुआ यूं था कि 04 फरवरी को रात में वरिष्ठ पत्रकार विकास राज तिवारी अपने किसी रिश्तेदार के शादी समारोह में नोएडा से गाजियाबाद गए हुए थे वहां रात में करीब 12 बजे उनकी कार में कुछ दिक्कत आ गई जहां उनकी कार खराब हुई थी वो इलाका गाजियाबाद के सिहानी गेट पुलिस के अंडर आता था। जिसके बाद पत्रकार विकास राज तिवारी ने स्थानीय एसएचओ के CUG नंबर पर फोन किया और मदद मांगी। एसएचओ सौरभ विक्रम सिंह ने ना सिर्फ पत्रकार की मदद की बल्कि सुरक्षा का पूरा भरोसा भी दिया।
SHO सौरभ विक्रम सिंह ने कॉल पर बात होने के 10 मिनट के अंदर ही दो पुलिसकर्मियों को भेजा वहां पहुंचे पुलिसकर्मियों ने कार मैकेनिक अरेंज कराया और पत्रकार की गाड़ी ठीक कराने में मदद की। इसके बाद विकास राज तिवारी ने SHO सौरभ विक्रम सिंह और उनकी टीम का धन्यवाद किया और अपने घर नोएडा चले गए।
थोड़े दिनों पहले गाजियाबाद पुलिस ने एक और अच्छा काम किया था। पुलिस ने टूट रहे रिश्ते को अपने खर्चों से बचाया था। दरअसल, शादी के दौरान हुए विवाद के बाद पुलिस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों में न केवल मेल कराया, बल्कि एक गेस्ट हाउस को खुलवाकर मंडप की व्यवस्था कराते हुए लड़का और लड़की की शादी भी कराई। इसके बाद 1500 रुपये का शगुन भी दिया। जानकारी के अनुसार, बाईपास क्षेत्र में गौतमबुद्धनगर से बारात आई थी। इस दौरान खाने-पीने को लेकर कुछ लोगों में झगड़ा हुआ और बात मारपीट तक पहुंच गई। इस दौरान दो बारातियों का सिर फुट गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान दूल्हा और दुल्हन पक्ष को थाने में लाया गया। बातचीत में सामने आया कि इतना कुछ होने के बाद भी दोनों पक्ष शादी को तैयार थे, लेकिन शादी वाले स्थान पर झगड़ा होने के कारण सब अव्यवस्थित हो गया था। इसके बाद पुलिस ने आगे बढ़ कर पहल की और एक गेस्ट हाउस खुलवाने का फैसला किया। गेस्ट हाउस खुलवाकर दूल्हा और दुल्हन की शादी कराई गई। दोनों को 1500 रुपये का शगुन देकर दोबारा से झगड़ा न करने की सलाह भी दी गई थी।