“उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) उपचुनाव: 2 और 5 सीटों पर अटकी सपा-कांग्रेस की दोस्ती, क्या कांग्रेस पीछे हटेगी?”

 “उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) उपचुनाव: 2 और 5 सीटों पर अटकी सपा-कांग्रेस की दोस्ती, क्या कांग्रेस पीछे हटेगी?”

Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की राजनीति में उपचुनाव का समय आते ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है, इस बार चर्चा का मुख्य केंद्र सपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर हो रही है दोनों दल दो और पांच सीटों के बीच फंसी हुई है जिससे उनके बीच की दोस्ती पर सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस ग्रैंड ओल्ड पार्टी के रूप में इस लड़ाई से पीछे हट जाएगी या फिर अपनी राजनीतिक जमीन बनाए रखने के लिए मजबूती से डटेगी।

सीट बंटवारे को लेकर सपा कांग्रेस में टकराव 

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की सियासत में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन नए समीकरण बनता दिख रहा है लेकिन दो और पांच सीटों को लेकर मतभेदों ने इस गठबंधन पर असर डाला है सपा ने 5 सीटों पर दावत ठोका है, जबकि कांग्रेस दो सीटों पर जोर दे रही है सीट बंटवारे को यह मुद्दा उनके गठबंधन में एक बड़ा रोड बन गया है।

कांग्रेस की रणनीति पीछे हटे या डटे रहे? 

कांग्रेस, जो कभी उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की राजनीति में मजबूत पकड़ रखती थी, अब इस उप चुनाव में खुद को एक नई भूमिका में देख रही है सवाल यह है कि क्या कांग्रेस समाजवादी पार्टी के दबाव में जाकर पीछे हटेगी या फिर अपनी राजनीतिक ताकत को फिर से पानी के लिए रेडी रहेगी कांग्रेस की रणनीति इस चुनाव में उनके भविष्य की दिशा को तय करेगी।

सपा की योजना 

सपा के लिए उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) उपचुनाव का एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी के लोकप्रियता को मापने का एक जरिया हो सकता है पार्टी का मानना है की पांच सीटों पर लड़ने से उनकी स्थिति मजबूत होगी, और यह उसके लिए एक बड़ा राजनीतिक फायदा साबित हो सकता है।

उपचुनाव का महत्व 

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh)में उपचुनाव हमेशा से ही खास रहे हैं क्योंकि यह राज्य के सियासी दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं चाहे सपा हो कांग्रेस हो या फिर कोई अन्य दल, सभी के लिए उपचुनाव 2020 के आम चुनाव से पहले अपनी शक्ति और समर्थन आधार को मजबूत करने का एक सुनहरा मौका है।

गठबंधन पर सवाल 

सपा और कांग्रेस के बीच चल रहे इस सीट बंटवारे को लेकर उपजी दरार ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इन दोनों दलों का गठबंधन लंबा चलेगा? क्या यह सिर्फ उपचुनाव तक सीमित रहेगा या फिर आगे भी इसके सियासी दोस्ती बनी रहेगी?

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उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के उपचुनाव में दो और पांच सीटों की लड़ाई में सपा और कांग्रेस के गठबंधन को एक बड़ी चुनौती दी है। जो दोनों दलों के बीच बढ़ती खींचतान से यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपनी स्थिति से पीछे हटेगी या फिर अपने राजनीतिक हितों की रक्षा करेगी आने वाले समय में यह तय करेगा कि उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की राजनीति में यह दोनों दल किस तरह से आगे बढ़ेंगे।

Nimmi Chaudhary

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