Mata Rani Ki Pratima : शारदीय नवरात्रि पर घर में माता रानी की प्रतिमा का चयन और स्थापना की सही विधि

 Mata Rani Ki Pratima : शारदीय नवरात्रि पर घर में माता रानी की प्रतिमा का चयन और स्थापना की सही विधि

Mata Rani Ki Pratima

Mata Rani Ki Pratima : शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आते ही वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का संचार हो जाता है। यह 9 रात मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होती हैं, जो हमें नकारात्मकता से मुक्ति और सकारात्मकता का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। घर में माता रानी (दुर्गा मां) की प्रतिमा स्थापित करना इस उत्सव का एक अभिन्न अंग है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रतिमा का चयन और स्थापना कैसे होनी चाहिए? गलत तरीके से की गई पूजा फलदायी नहीं होती।

शारदीय नवरात्रि का महत्व : क्यों स्थापित करें प्रतिमा?

शारदीय नवरात्रि हिंदू पंचांग का प्रमुख त्योहार है, जो दशहरा के साथ समाप्त होता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से जीवन में शक्ति, समृद्धि और विजय प्राप्त होती है। घर में प्रतिमा स्थापित करने से न केवल भक्ति का भाव जागृत होता है, बल्कि घर का वातावरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है। स्कंद पुराण में वर्णित है कि शुद्ध प्रतिमा की आराधना से दसों दिशाओं में सुख-शांति का वास होता है। अब आइए, जानें प्रतिमा के चयन की बारीकियां।

Mata Rani Ki Pratima
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माता रानी की प्रतिमा का प्रकार: कौन सा रूप चुनें?

घर में पूजा के लिए प्रतिमा का प्रकार सरल और सुगम होना चाहिए। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, इसलिए प्रतिमा को उसके अनुसार बदलना उत्तम है। यदि एक ही प्रतिमा रखनी हो, तो महिषासुरमर्दिनी रूप वाली चुनें।

दिन मां का रूप प्रतिमा का वर्णन
पहला शैलपुत्री सिंह पर सवार, त्रिशूल धारण, शांत मुद्रा
दूसरा ब्रह्मचारिणी कमंडलु और जपमाला लिए, तपस्विनी रूप
तीसरा चंद्रघंटा घंटी जैसी कमर, सिंह वाहन, युद्ध मुद्रा
चौथा कूष्मांडा कमल पर विराजमान, सूर्य जैसी तेजस्विता
पांचवां स्कंदमाता कार्तिकेय को गोद में, शेर पर सवार
छठा कात्यायनी सिंह पर, तलवार और धनुष लिए
सातवां कालरात्रि काला रूप, राक्षसों का नाश करने वाली
आठवां महागौरी श्वेत वस्त्र, शांत और सुंदर
नौवां सिद्धिदात्री कमल पर, आठ भुजाओं वाली, सिद्धियां प्रदान करने वाली

टिप: यदि बजट सीमित हो, तो एक सुंदर फोटो फ्रेम वाली प्रतिमा या छोटी मूर्ति (6-12 इंच) पर्याप्त है। बाजार में उपलब्ध दुर्गा सप्तशती वाली किताबों के साथ चित्र भी उपयोगी होते हैं।

प्रतिमा की सामग्री और रंग : शुद्धता का आधार

प्रतिमा की सामग्री शुद्ध होनी चाहिए, क्योंकि यह मां की ऊर्जा को आकर्षित करती है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार:

  • सामग्री: प्राकृतिक मिट्टी, पीतल, चांदी या तांबे से बनी प्रतिमा सर्वोत्तम। प्लास्टिक या कृत्रिम सामग्री से बनी प्रतिमा से बचें, क्योंकि वे शक्ति संचरण में बाधा डालती हैं। मिट्टी की प्रतिमा नवरात्रि के अंत में विसर्जन के लिए उपयुक्त है।
  • रंग: चटकीला रंग चुनें—लाल (शक्ति का प्रतीक), पीला (समृद्धि) या सुनहरा (दिव्यता)। चेहरे पर सिंदूर या हल्दी का लेप लगाएं, जो मां को प्रसन्न करता है।

ये मान्यताएं दुर्गा सप्तशती से प्रेरित हैं, जहां शुद्ध सामग्री की महत्ता बताई गई है।

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Mata Rani Ki Pratima : आकार, स्थिति और दिशा, वास्तु के अनुसार स्थापना

Mata Rani Ki Pratima : प्रतिमा का आकार छोटा और आकर्षक हो, ताकि पूजा स्थल पर आसानी से समा जाए। वास्तु शास्त्र के नियम इस प्रकार हैं:

  • आकार: 6-18 इंच की ऊंचाई वाली प्रतिमा आदर्श। बहुत बड़ी प्रतिमा से स्थान की कमी और ऊर्जा असंतुलन हो सकता है।
  • दिशा: प्रतिमा को पूर्व या उत्तर मुख करके स्थापित करें। ये दिशाएं सूर्य और चंद्रमा की ऊर्जा से जुड़ी हैं, जो पूजा को फलदायी बनाती हैं। दक्षिण दिशा से बचें।
  • स्थान: साफ-सुथरे पूजा घर या मंदिर में रखें। फर्श पर पीले वस्त्र का आसन बिछाएं।

शुद्धिकरण और सजावट: पूजा की तैयारी

प्रतिमा स्थापित करने से पहले शुद्धिकरण अनिवार्य है। सरल विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान: गंगाजल से प्रतिमा को स्नान कराएं।
  2. अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) से अभिषेक करें।
  3. प्राण-प्रतिष्ठा: धूप-दीप दिखाकर “ओम दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जप करें।

सजावट के टिप्स:

  • फूल: गेंदा, चमेली, कमल या धतूरा।
  • वस्त्र: लाल चुनरी ओढ़ाएं, कांच की चूड़ियां पहनाएं।
  • अन्य: बेलपत्र, फल, मिठाई का भोग लगाएं।

रोजाना आरती और कुमारी पूजा करें, जो नवरात्रि की विशेषता है।

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समापन और महत्वपूर्ण सलाहें

Mata Rani Ki Pratima : नवरात्रि के अंत (दशमी पर) प्रतिमा का विसर्जन न करें—घर में ही रखें। यदि मिट्टी की हो, तो नदी में प्रवाहित करें। इससे प्राप्त फल लंबे समय तक रहता है।

कुछ उपयोगी टिप्स:

  • पूजा स्थल पर धूल न जमने दें।
  • परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूजा करें।
  • यदि संभव हो, स्थानीय पंडित से परामर्श लें।

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Mata Rani Ki Pratima : शारदीय नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं! मां दुर्गा आप सभी को सुख, शांति और सफलता प्रदान करें। यदि आपके कोई प्रश्न हों, तो कमेंट में बताएं। जय माता दी!

Nimmi Chaudhary

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