Treesha Thosar : 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की सबसे युवा सितारा

 Treesha Thosar : 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की सबसे युवा सितारा

Treesha Thosar

Treesha Thosar : 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, जो 23 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुए, भारतीय सिनेमा के लिए एक उत्सवपूर्ण रात थी, जिसमें 2023 की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को सम्मानित किया गया। इस समारोह में एक छोटी सी शख्सियत ने सभी का ध्यान खींचा : Treesha Thosar, एक 4 से 6 साल की मराठी बाल कलाकार, जो सर्वकालिक सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता बनीं। उन्होंने मराठी फिल्म नाल 2 में अपनी शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार जीता, जिसे उन्होंने सह-कलाकारों श्रीनिवास पोकले और भार्गव जगताप के साथ साझा किया। यह ब्लॉग त्रीशा की इस उल्लेखनीय उपलब्धि, उनके जीवन की पृष्ठभूमि और भारतीय सिनेमा के लिए उनके जीत के महत्व पर प्रकाश डालता है।

एक सितारा जन्मा: नाल 2 में त्रीशा की पुरस्कृत भूमिका

Treesha Thosar, जिन्हें मीडिया में कभी-कभी त्रिशा या Treesha Thosar के नाम से भी जाना जाता है, ने मराठी फिल्म नाल 2 (2023) में चिमी (रेवती) की भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार जीता। इस फिल्म का निर्देशन सुदर्शन रेड्डी यक्कंती ने किया और इसका निर्माण प्रसिद्ध फिल्म निर्माता नागराज मंजुले ने किया। नाल 2, 2018 की हिट फिल्म नाल का सीक्वल है, जो मासूमियत, भाई-बहन के रिश्ते और महाराष्ट्र के ग्रामीण जीवन की चुनौतियों को दर्शाता है। त्रीशा के स्वाभाविक और भावनात्मक अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया, जिसके लिए उन्हें व्यापक प्रशंसा मिली।

Treesha Thosar
Treesha Thosar

उनकी यह उपलब्धि और भी खास है क्योंकि यह उनका दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है, जो सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार श्रेणी में मिला। इतनी कम उम्र में जटिल भावनाओं को इतनी प्रामाणिकता के साथ पेश करने की उनकी क्षमता ने उन्हें अनुभवी अभिनेताओं की श्रेणी में ला खड़ा किया है और उनकी जीत ने मराठी सिनेमा की बढ़ती लोकप्रियता को रेखांकित किया है।

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: एक यादगार पल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में आयोजित इस पुरस्कार समारोह में शाहरुख खान (जवान के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता), रानी मुखर्जी (मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री), विक्रांत मैसी, करण जौहर और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार विजेता मोहनलाल जैसे सिनेमा जगत के दिग्गज शामिल थे। लेकिन त्रीशा ने इस रात को अपने नाम कर लिया।

पारंपरिक सफेद साड़ी में सजी त्रीशा ने मंच पर गरिमा के साथ कदम रखा और राष्ट्रपति मुर्मू से पुरस्कार ग्रहण करते समय सम्मान में हाथ जोड़े। उनकी चमकती मुस्कान और सादगी ने जोरदार तालियों की गूंज पैदा की, जो बॉलीवुड के बड़े सितारों के लिए मिली तालियों से कम नहीं थी। यह पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां प्रशंसकों और मशहूर हस्तियों ने उन्हें क्षेत्रीय सिनेमा के युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणा के रूप में सराहा। सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार श्रेणी में अन्य विजेताओं में सुकृति वेणी बंड्रेड्डी (गांधी थाथा चेट्टू) और कबीर खंडारे (जिप्सी) शामिल थे, लेकिन त्रीशा की ऐतिहासिक जीत ने सभी का ध्यान खींचा।

Treesha Thosar National Award Winner

Treesha Thosar की बैकग्राउंड : महाराष्ट्र की उभरती सितारा

महाराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे से आने वाली त्रीशा थोसार एक साधारण पृष्ठभूमि से हैं, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक और सिनेमाई विरासत से जुड़ी है। उनके परिवार और प्रारंभिक जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी निजी रखी गई है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी स्वाभाविक आकर्षण और अभिव्यक्ति की क्षमता ने उन्हें फिल्म निर्माताओं का ध्यान खींचा। उनकी अभिनय यात्रा बहुत कम उम्र में शुरू हुई, और नाल 2 में उनकी पहली प्रमुख भूमिका ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित किया।

मराठी सिनेमा हमेशा से प्रामाणिक कहानियों को पेश करने का एक मंच रहा है, और त्रीशा की उभरती प्रतिभा इस उद्योग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नागराज मंजुले जैसे मेंटर्स के मार्गदर्शन में, जिन्हें सैराट और फैंड्री जैसी क्रांतिकारी फिल्मों के लिए जाना जाता है, त्रीशा ने अपनी कला को निखारा है। उनकी यह क्षमता कि वे एक ग्रामीण महाराष्ट्रीयन बच्चे की मासूमियत और जिज्ञासा को जीवंत कर सकें, उन्हें एक असाधारण प्रतिभा बनाती है।

Treesha Thosar की जीत का महत्व

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में त्रीशा की उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं है; यह भारतीय सिनेमा में कई महत्वपूर्ण रुझानों को रेखांकित करती है:

  1. बाल कलाकारों की मान्यता: Treesha Thosar की जीत कहानी कहने में बाल कलाकारों के महत्व को दर्शाती है, खासकर उन फिल्मों में जो मासूमियत और सामाजिक चुनौतियों के विषयों को उजागर करती हैं। नाल 2 में उनकी भूमिका साबित करती है कि युवा कलाकार भी गहरी और प्रामाणिक भूमिकाएँ निभा सकते हैं।
  2. मराठी सिनेमा का बढ़ता प्रभाव: नाल 2 की सफलता और त्रीशा का पुरस्कार मराठी फिल्मों की विरासत को और मजबूत करता है, जो अपनी आकर्षक कहानियों और जीवन के यथार्थवादी चित्रण के लिए राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कर रही हैं।
  3. अगली पीढ़ी को प्रेरणा: सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता के रूप में, त्रीशा छोटे शहरों और क्षेत्रीय उद्योगों के उभरते अभिनेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जो यह साबित करती हैं कि प्रतिभा की कोई उम्र या भौगोलिक सीमा नहीं होती।
Treesha Thosar National Award Winner
Treesha Thosar National Award Winner

त्रीशा से परे : 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की मुख्य बातें

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई अन्य उल्लेखनीय उपलब्धियों को भी सम्मानित किया गया। 12थ फेल को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और द केरल स्टोरी को सर्वश्रेष्ठ छायांकन का पुरस्कार मिला। लेकिन त्रीशा का पल सबसे यादगार और दिल को छूने वाला रहा। पूर्ण विजेताओं की सूची के लिए, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

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Treesha Thosar की 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ऐतिहासिक जीत भारतीय सिनेमा के लिए एक गर्व का क्षण है। उनकी मासूमियत, प्रतिभा और समर्पण ने न केवल दर्शकों का दिल जीता बल्कि क्षेत्रीय सिनेमा और बाल कलाकारों के लिए नए दरवाजे खोले। जैसे-जैसे त्रीशा अपनी सिनेमाई यात्रा को आगे बढ़ा रही हैं, वह निश्चित रूप से कई लोगों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी, यह साबित करते हुए कि सपने, चाहे कितने भी छोटे क्यों न हों, बड़े मंच पर चमक सकते हैं।

Nimmi Chaudhary

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