Israel Iran war : इज़राइल और ईरान में तनाव बढ़ा, हमले और जवाबी कार्रवाई से हड़कंप

Israel Iran war
Israel Iran war : जेरूसलम, 14 जून 2025 – इज़राइल ने 12 जून 2025 की रात को ईरान पर बड़ा हमला किया, जिसमें उसने ईरान के परमाणु केंद्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। यह हमला इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने “ज़रूरी कदम” बताया, ताकि ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोका जा सके। इसके जवाब में ईरान ने भी इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इस टकराव से मध्य पूर्व में तनाव बहुत बढ़ गया है और लोग डर रहे हैं कि कहीं बड़ा युद्ध न शुरू हो जाए।
Israel Iran war : इज़राइल का बड़ा हमला
150 से ज़्यादा ठिकानों पर बमबारी
Israel Iran war : इज़राइल की वायुसेना ने ईरान के 150 से ज़्यादा ठिकानों पर हमला किया, जिसमें इस्फ़हान और नतांज़ जैसे परमाणु केंद्र और सैन्य अड्डे शामिल थे। इज़राइल ने आधुनिक लड़ाकू विमान और सटीक बमों का इस्तेमाल किया। इन हमलों में ईरान के छह परमाणु वैज्ञानिक, तीन रिवॉल्यूशनरी गार्ड सैनिक और एक बड़ा सैन्य अधिकारी अली शमखानी मारे गए।

आम लोगों की मौत से गुस्सा
ईरान की खबरों के मुताबिक, इन हमलों में 78 लोग मारे गए, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं, जो तेहरान में एक रिहायशी इलाके में हुए हमले में मरे। 320 से ज़्यादा लोग घायल हुए, जिनमें ज़्यादातर आम नागरिक हैं। तेहरान में बमबारी से बर्बाद हुए घरों की तस्वीरें देखकर ईरान में बहुत गुस्सा है। लोग सड़कों पर इज़राइल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। ईरान का कहना है कि इज़राइल ने जानबूझकर आम लोगों को निशाना बनाया, लेकिन इज़राइल का कहना है कि उसने सिर्फ सैन्य और परमाणु ठिकानों को टारगेट किया।
ईरान का जवाबी हमला
तेल अवीव और जेरूसलम पर मिसाइलें
13 जून को ईरान ने तेल अवीव और जेरूसलम पर मिसाइलें और ड्रोन से हमला किया। इन हमलों में कम से कम तीन इज़राइली नागरिक मारे गए और कई घायल हुए। इज़राइल की मिसाइल रक्षा प्रणाली, आयरन डोम, ने कई मिसाइलों को रोका, लेकिन कुछ हमले रक्षा प्रणाली को भेदने में कामयाब रहे। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामनेई ने कहा कि इज़राइल को “कड़ी सजा” मिलेगी और आगे भी हमले होंगे।

Israel Iran war : ईरान की सैन्य ताकत
ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने इन जवाबी हमलों की ज़िम्मेदारी ली और कहा कि वे इज़राइल पर हमले जारी रखेंगे। इज़राइल के हमले से ईरान की हवाई रक्षा कमज़ोर हो गई है, लेकिन उसके पास अभी भी लगभग 2,000 मिसाइलें हैं, जो इज़राइल और क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों तक पहुंच सकती हैं। ईरान ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इज़राइल का साथ दिया, तो उनके सैन्य ठिकानों पर हमला होगा।
अमेरिका की भूमिका और बातचीत की कोशिश
ट्रंप का बयान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इज़राइल ने हमले से पहले उन्हें जानकारी दी थी, लेकिन अमेरिका ने इसमें कोई हिस्सा नहीं लिया। ट्रंप ने इस हमले को “बहुत सफल” बताया, लेकिन कहा कि अमेरिका सीधे युद्ध में नहीं कूदेगा। सुरक्षा कारणों से अमेरिका ने इराक में अपने दूतावास से गैर-ज़रूरी कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया और जेरूसलम में अपने दूतावास की गतिविधियों को सीमित कर दिया।

परमाणु बातचीत मुश्किल में
ट्रंप चाहते हैं कि ईरान के साथ परमाणु समझौते की बातचीत फिर शुरू हो और इसके लिए 15 जून को ओमान में वार्ता तय है। लेकिन ईरान ने इन हमलों के बाद बातचीत को “बेकार” बताया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बातचीत नहीं हुई, तो ईरान में कट्टरपंथी और मज़बूत हो सकते हैं, जिससे परमाणु समझौता और मुश्किल हो जाएगा।
दुनिया की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय प्रभाव
दुनिया भर से निंदा
चीन, जापान और कतर ने इज़राइल के हमलों की कड़ी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तुरंत युद्धविराम की मांग की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस मुद्दे पर आपात बैठक करने वाली है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने चिंता जताई कि इस संघर्ष की वजह से यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य मदद कम हो सकती है।
क्षेत्र में हलचल
इस संघर्ष से मध्य पूर्व में बहुत हलचल मच गई है। इराक और जॉर्डन ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए, जिससे हज़ारों यात्री फंस गए और व्यापार प्रभावित हुआ। भारत ने ईरान में अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी। सऊदी अरब और यूएई जैसे खाड़ी देश अपनी रक्षा मजबूत कर रहे हैं। 13 जून को तेल की कीमतें 8% बढ़ गईं, क्योंकि लोग डर रहे हैं कि क्षेत्र से तेल आपूर्ति रुक सकती है।

आगे क्या?
Israel Iran war : इज़राइल की चेतावनी
इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा कि अगर ईरान ने मिसाइल हमले जारी रखे, तो “तेहरान जल उठेगा।” इज़राइल ने संकेत दिया है कि वह ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र पर अगला हमला कर सकता है। इज़राइल ने अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा है, रिज़र्व सैनिकों को बुलाया है और बम शेल्टर खोल दिए हैं।
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बड़ा युद्ध का खतरा
Israel Iran war : यह टकराव, जो पहले छिपकर लड़ा जाता था, अब खुला युद्ध बन गया है। इज़राइल और ईरान, दोनों ही पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। लेबनान में हिज़बुल्लाह या इराक और सीरिया में ईरान समर्थित समूहों के शामिल होने से स्थिति और बिगड़ सकती है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि मध्य पूर्व बड़ा युद्ध शुरू होने की कगार पर है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है।