Uttar Pradesh: बहराइच में 23 मकान पर खाली करने का नोटिस भेदभाव के और आप से सहमी लोग
Uttar Pradesh बहराइच जिले में एक इलाके में 23 मकान को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया जो स्थानीय निवासियों के बीच दहशत फैला दी है यह मामला तब और गंभीर हो गया जब नोटिस के बाद भेदभाव के आरोप लगाए जाने लगे प्रभावित परिवारों का कहना है कि यह कार्रवाई अनुचित और भेदभाव पूर्ण है खासकर जब इलाके में पहले से ही कोई वैध कारण नजर नहीं आता।
Uttar Pradesh: नोटिस का असर
इन नोटिस ओके जारी होने के बाद से प्रभावित परिवारों में भारी तनाव है ज्यादातर परिवार नम्र आए वर्ग से आते हैं और उनके पास इस वक्त कोई अन्य ठिकाना नहीं है इन परिवारों में कई ऐसी बेटियां हैं जो शादी की उम्र की है जिससे परिवारों की चिंता और बढ़ गई है, कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि मकान खाली कराए जाते हैं तो वह कहां जाएंगे और अपने परिवार का क्या करेंगे।
भेदभाव का आरोप
स्थानी निवासियों का मानना है कि यह नोटिस केवल चुनिंदा समुदाय और परिवारों को निशाना बनाकर भेजा गया है जो उनका दावा है कि यह पूरी तरह भेदभावपूर्ण है और उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि इस तरह की कार्रवाई के पीछे राजनीतिक और सांप्रदायिक कारण हो सकता है हालांकि स्थानीय प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह कदम अवैध निर्माण और नियमों का उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
Uttar Pradesh: प्रशासन का पक्ष
प्रशासन का कहना है कि इन मकानों के निर्माण में कई कानूनी प्रक्रियाओ का पालन नहीं किया गया है जिसके कारण उन्हें खाली करने का आदेश दिया गया है अधिकारियों के मुताबिक यह निर्माण किसी भी समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाकर नहीं लिया गया है बल्कि सभी नियमों के अनुरूप किया गया है, प्रशासन ने यह भी कहा है कि जिन लोगों को नोटिस मिले हैं उनके पास कानूनी तौर पर अपील करने का अधिकार है।
आगे का रास्ता
हालांकि प्रशासन ने अपनी तरफ से स्पष्ट कर दिया है कि यह कार्रवाई नियमों के उल्लंघन के आधार पर की जा रही है लेकिन प्रभावित परिवारों को डर और सुरक्षा अभी भी कायम है कि वह अपने बात को लेकर उच्च स्तर पर न्याय की मांग कर रहे हैं और इस उम्मीद में है कि उनके लिए कोई समाधान निकलेगा।
बहराइच में 23 मकान को खाली करने के नोटिस ने स्थानीय स्तर पर बड़ी चिंता पैदा कर दी है जो भेदभाव के आरोप के बीच प्रशासन और निवासियों के बीच एक संवाद की आवश्यकता है ताकि इस मुद्दे का शांतिपूर्ण और निष्पक्ष समाधान निकाला जा सके।