IndusInd bank ने 2 घंटे में 16,000 करोड़ बाज़ार पूंजी क्यों गंवाई, इन्वेस्टर्स के लिए आगे क्या?

 IndusInd bank ने 2 घंटे में 16,000 करोड़ बाज़ार पूंजी क्यों गंवाई, इन्वेस्टर्स के लिए आगे क्या?

IndusInd bank

IndusInd bank Shares 25% गिरकर 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए, क्योंकि बैंक ने अपने डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में लेखा गड़बड़ियों (accounting discrepancies) का खुलासा किया। इस खबर से निवेशकों में घबराहट फैल गई, जिससे शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई। बैंक को संभावित रूप से ₹2,000 करोड़ तक का वित्तीय नुकसान हो सकता है, जिससे कमजोर गवर्नेंस और आंतरिक नियंत्रण को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसका असर पूरे बैंकिंग सेक्टर की साख पर पड़ सकता है।

क्या हुआ?

IndusInd bank ने अपने डेरिवेटिव्स अकाउंटिंग में inconsistencies उजागर की हैं, जिसमें यह सामने आया कि बैंक ने पिछले फॉरेक्स लेन-देन से जुड़े हेजिंग लागतों को कम करके आंका था। नतीजतन, बैंक को संभावित रूप से ₹1,600-2,000 करोड़ का फाइनेंसियल प्रभाव झेलना पड़ सकता है, जो दिसंबर 2024 तक उसकी कुल नेटवर्थ का 2.35% है।

इस खुलासे से इन्वेस्टर्स का विश्वास डगमगा गया, जिसके कारण स्टॉक तीन साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया। एनालिस्ट ने बैंक की कमजोर गवर्नेंस और इंटरनल कण्ट्रोल  पर सवाल उठाए हैं, जिससे इसके फाइनेंसियल स्वास्थ्य पर नेगेटिव प्रभाव पड़ा है।

IndusInd bank
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कौन प्रभावित हुआ?

इस संकट का सबसे बड़ा झटका IndusInd bank और उसके Shareholders को लगा है। बैंक के शेयर पहले ही पिछले एक साल में 42% गिर चुके हैं, और इस नए घटनाक्रम ने और नुकसान की आशंका बढ़ा दी है। अब एनालिस्ट बैंक के जोखिम प्रबंधन (risk management) और अनुपालन मानकों (compliance standards) पर सवाल उठा रहे हैं।

गड़बड़ियों का पता सितंबर-अक्टूबर 2024 के बीच चला, जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डेरिवेटिव्स पर नए गाइडेंस लागू किए। हालांकि, बैंक ने इस मुद्दे को ऑफिसियल  तौर पर 10 मार्च 2025 को बोर्ड बैठक के बाद एक्सचेंज फाइलिंग में उजागर किया।

गौरतलब है कि IndusInd bank के शेयर पहले से ही कमजोर हो रहे थे। सोमवार को, RBI द्वारा बैंक के CEO के कार्यकाल को तीन साल के बजाय सिर्फ एक साल तक बढ़ाने के फैसले के बाद, बैंक के शेयर करीब 4% गिर गए थे।

प्रभाव कहां दिख रहा है?

इंडसइंड बैंक के शेयरों में भारी गिरावट के अलावा, व्यापक बैंकिंग क्षेत्र पर भी हल्का दबाव देखने को मिला। Nifty बैंक इंडेक्स 0.7% नीचे आ गया, जबकि Nifty 50 में 0.27% की गिरावट दर्ज की गई। यह घटनाक्रम बैंकिंग Shares , खासकर उन बैंकों में, जिनकी डेरिवेटिव्स एक्सपोज़र अधिक है, के प्रति investors के विश्वास को कमजोर कर सकता है।

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IndusInd bank इस संकट में कैसे फंसा?

यह समस्या विदेशी मुद्रा (forex) लेन-देन से जुड़ी है, जहां बैंक ने हेजिंग लागतों को कम करके आंका और अपनी पुस्तकों में गलत आकलन किया। RBI के डेरिवेटिव्स रिस्क मैनेजमेंट पर सख्त गाइडेंस ने इन गड़बड़ियों को उजागर किया, जिससे बैंक को संभावित फाइनेंसियल  घाटे को स्वीकार करना पड़ा।

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इंडसइंड बैंक कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है?

इस नुकसान को नियंत्रित करने के लिए, बैंक ने एकइंटरनल रिव्यु शुरू की है और अपनी जांच को प्रूफ करने के लिए एक बाहरी एजेंसी को भी नियुक्त किया है। बैंक ने इन्वेस्टर्स को कम्फर्ट दिया है कि उसकी फाइनेंसियल स्थिति मजबूत बनी हुई है और उसके पास इस लम सम  नुकसान को झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी है। यह नुकसान Q4 FY25 या Q1 FY26 की फाइनेंसियल रिपोर्ट में रिफ्लेक्ट होगा।

Nimmi Chaudhary

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