Modi Cabinet 3.0: ना दबाव काम आया ना ही है किसी तरह का अभाव, ऐसा है मोदी का नया मंत्रिमंडल

 Modi Cabinet 3.0: ना दबाव काम आया ना ही है किसी तरह का अभाव, ऐसा है मोदी का नया मंत्रिमंडल

Modi Cabinet 3.0

Modi Cabinet 3.0:लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी ने उम्मीद से कम 240 सीटों पर जीत हासिल की, जिससे वह बहुमत के आंकड़े 272 से 32 सीटें पीछे रह गई। राजनीतिक विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि इस स्थिति में सहयोगी दलों का प्रभाव बढ़ेगा और वे दबाव बनाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व हमेशा से दबाव की राजनीति से परे रहा है। राष्ट्रपति भवन में रविवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में यह साफ दिखा कि मोदी के बिना यह मुमकिन नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा 71 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की, जिनमें से केवल 11 सहयोगी दलों से हैं।

दबाव की राजनीति से स्वतंत्र मोदी 3.0

बीजेपी ने 71 मंत्री पदों में से 60 पद अपने पास रखे हैं। इनमें 25 कैबिनेट मंत्री, 3 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 32 राज्य मंत्री शामिल हैं। बीजेपी के मौजूदा लोकसभा सांसदों की संख्या के हिसाब से यह 25% है। सहयोगी दलों ने शपथ ग्रहण से पहले अपनी मांगें रखी थीं, लेकिन मोदी ने अपने कड़े रुख से उन्हें संतुलित किया। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने दावा किया था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया है, जिसे दबाव की राजनीति के हिस्से के रूप में देखा गया।

पुराने और अनुभवी चेहरे बरकरार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी निवर्तमान मंत्रिपरिषद के 19 कैबिनेट मंत्रियों समेत 34 मंत्रियों को बरकरार रखा है। इनमें राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर शामिल हैं, जो अनुभव और निरंतरता को दर्शाता है। अन्नपूर्णा देवी को राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, जबकि एल. मुरुगन को दोबारा मंत्री बनाया गया है, जो पहले राज्यसभा सदस्य थे। कुछ मंत्रियों को अंतराल के बाद वापस लाया गया है, जैसे भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा, जुएल ओराम और अजय टम्टा।

पेशेवरों का मिश्रण

मोदी की 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में 30 कैबिनेट मंत्रियों में से छह वकील, तीन एमबीए धारक और 10 स्नातकोत्तर हैं। कानून की डिग्री रखने वालों में नितिन गडकरी, जे पी नड्डा, पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल, भूपेंद्र यादव और किरेन रीजीजू शामिल हैं। स्नातकोत्तर डिग्रीधारी मंत्रियों में राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, धर्मेंद्र प्रधान, डॉ. वीरेंद्र कुमार, मनसुख मांडविया, हरदीप सिंह पुरी, अन्नपूर्णा देवी और गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं।

जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन

प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। सभी मंत्री देश के 24 राज्यों और विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मोदी के इस नए मंत्रिमंडल में 21 सवर्ण, 27 ओबीसी, 10 एससी, 5 एसटी और 5 अल्पसंख्यक मंत्री शामिल हैं। इसमें 18 वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हैं, जो विभिन्न वर्गों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

निरंतरता और अनुभव पर जोर

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, जो यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री निरंतरता और अनुभव पर जोर दे रहे हैं। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, अश्विनी वैष्णव, वीरेंद्र कुमार, प्रह्लाद जोशी, गिरिराज सिंह और जुएल उरांव ने भी मंत्री पद की शपथ ली। नया मंत्रिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न केवल अनुभवी है बल्कि पेशेवर और विभिन्न जातिगत समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी है। यह मंत्रिमंडल दर्शाता है कि मोदी सरकार दबाव की राजनीति से मुक्त होकर आगे बढ़ रही है और विकास व सशक्तिकरण के अपने एजेंडे पर कायम है।

AVS POST Bureau

http://avspost.com

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *