Mumbai-Ahmedabad Bullet Train कब चलेगी? रूट, किराया, स्टेशन और लेटेस्ट अपडेट

Mumbai-Ahmedabad Bullet Train
Mumbai-Ahmedabad Bullet Train , भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के रूप में एक नई शुरुआत के लिए तैयार है। यह 508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड कॉरिडोर मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) को गुजरात के अहमदाबाद (साबरमती) से जोड़ेगा। इस मार्ग में कुल 12 स्टेशन होंगे: मुंबई (BKC), ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इसकी अनुमानित लागत ₹1.1 लाख करोड़ है, जिसमें जापान की एजेंसी JICA द्वारा ₹88,087 करोड़ का कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया गया है।
यात्रा का समय और गति
Mumbai-Ahmedabad Bullet Train अधिकतम 320 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेगी, जो मौजूदा ट्रेनों की तुलना में यात्रा के समय को काफी कम कर देगी।
- हाई-स्पीड सेवा (सभी स्टेशनों पर रुकने वाली): 2 घंटे 58 मिनट में पूरा सफर।
- रैपिड हाई-स्पीड सेवा (सीमित स्टॉप: साबरमती, वडोदरा, सूरत, मुंबई): केवल 2 घंटे 7 मिनट। वर्तमान में इस मार्ग पर ट्रेनों को 7 घंटे से अधिक समय लगता है, जबकि बुलेट ट्रेन इसे लगभग तिहाई समय में पूरा करेगी, जो इसे हवाई यात्रा का एक आकर्षक विकल्प बनाएगी।

Mumbai-Ahmedabad Bullet Train : टिकट की कीमत
हालांकि अंतिम किराया संरचना की घोषणा अभी बाकी है, अनुमान है कि बुलेट ट्रेन का किराया मौजूदा ट्रेनों के फर्स्ट AC किराए से लगभग 1.5 गुना होगा:
- पूरा सफर (मुंबई-अहमदाबाद): लगभग ₹3,000।
- छोटे खंड (जैसे ठाणे से BKC, 20 मिनट): न्यूनतम ₹250। तुलना के लिए, मुंबई-अहमदाबाद दुरंतो एक्सप्रेस का फर्स्ट AC किराया ₹2,000-₹2,400 के बीच है। बुलेट ट्रेन का किराया हवाई यात्रा से प्रतिस्पर्धी होगा और बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा। भारी सामान के लिए चेक-इन पर अतिरिक्त शुल्क भी लग सकता है।
विश्वस्तरीय सुविधाएं
बुलेट ट्रेन यात्रियों को आराम और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगी:
- सीटिंग व्यवस्था:
- बिजनेस क्लास (2×2 सीटें): अधिक जगह और प्रीमियम अनुभव।
- स्टैंडर्ड क्लास (2×3 सीटें): किफायती, फिर भी आरामदायक।
- सभी कोच वातानुकूलित होंगे।
- आराम: ट्रेन को विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है ताकि ठाणे क्रीक के 7 किमी लंबे अंडरसी टनल में कान के दबाव को कम किया जा सके। शोर कम करने के लिए डबल-लेयर एल्यूमीनियम बॉडी, साउंड-एब्जॉर्बिंग बोगी कवर, एयरटाइट फ्लोर और शोर इन्सुलेशन का उपयोग किया गया है।
- सुरक्षा: अर्जेंट अर्थक्वेक डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम (UrEDAS) भूकंप के दौरान स्वचालित ब्रेकिंग सुनिश्चित करेगा।
- पावर: साबरमती, ठाणे और वडोदरा स्टेशनों पर सौर पैनल बिजली उत्पादन करेंगे। कॉरिडोर में 12 ट्रैक्शन सबस्टेशन, 2 डिपो सबस्टेशन और 16 डिस्ट्रीब्यूशन सबस्टेशन होंगे।

मार्ग और बुनियादी ढांचा
- मार्ग: कॉरिडोर मुंबई (BKC) से शुरू होकर ठाणे क्रीक के 7 किमी अंडरसी टनल के माध्यम से गुजरता है और फिर अधिकांश हिस्सों में 10-15 मीटर ऊंचे उन्नत वायाडक्ट पर चलता है। गुजरात में 8 और महाराष्ट्र में 4 स्टेशन हैं।
- डिपो: सूरत, साबरमती और ठाणे में तीन डिपो बनाए जा रहे हैं।
- अंडरसी टनल: 21 किमी लंबा भूमिगत खंड, जिसमें 7 किमी अंडरसी हिस्सा शामिल है, तीन टनल बोरिंग मशीनों (TBM) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) से बनाया जा रहा है।
- वायाडक्ट: जुलाई 2024 तक, 300 किमी वायाडक्ट और 194 किमी वायाडक्ट निर्माण पूरा हो चुका है, जिसमें फुल स्पैन लॉन्चिंग मेथड (FSLM) का उपयोग किया गया।
प्रोजेक्ट की प्रगति
- निर्माण: मई 2025 तक, 300 किमी पियर कार्य, 331 किमी पियर फाउंडेशन, 260 किमी गर्डर कास्टिंग और 225 किमी गर्डर लॉन्चिंग पूरी हो चुकी है। महाराष्ट्र में 3 और गुजरात में 5 पैकेजों में सिविल कार्य चल रहा है।
- भूमि अधिग्रहण: 1,380 हेक्टेयर में से 622 हेक्टेयर का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। महाराष्ट्र में विरोध के कारण देरी हुई, जो 2019 तक हल हो गई।
- उद्घाटन: गुजरात में पहला खंड (सूरत-बिलिमोरा) 2026 तक शुरू होगा, और पूर्ण संचालन 2028 तक होने की उम्मीद है।

भारत के लिए महत्व
Mumbai-Ahmedabad Bullet Train न केवल दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ेगी, बल्कि भारत में हाई-स्पीड रेल यात्रा की शुरुआत भी करेगी। यह परियोजना जापानी शिंकनसेन तकनीक पर आधारित है, जो विश्वसनीयता और सुरक्षा के लिए जानी जाती है। यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी, व्यापार को प्रोत्साहित करेगी और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगी।
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Mumbai-Ahmedabad Bullet Train भारत के परिवहन ढांचे में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल समय बचाएगी, बल्कि यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव भी प्रदान करेगी। जैसे-जैसे प्रोजेक्ट अपनी पूर्णता की ओर बढ़ रहा है, यह भारत के आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।