PM Modi 5 फरवरी को आये प्रयागराज, महाकुंभ में किया पवित्र स्नान
PM Modi 5 फरवरी को पवित्र संगम नगरी प्रयागराज का दौरा करेंगे। इस दौरान वह महाकुंभ में पवित्र स्नान किये और कुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लेंगे। उनके इस दौरे को लेकर प्रशासन ने कड़े सुरक्षा का इंतजाम किया हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री का प्रयागराज आगमन धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
PM Modi का प्रयागराज आगमन
प्रधानमंत्री सुबह लगभग 10 बजे वायुसेना के विशेष विमान से प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचें। यहां से वह हेलिकॉप्टर के माध्यम से DPS हेलीपैड गए। प्रयागराज में प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए एयरपोर्ट और हेलीपैड पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
महाकुंभ पहुंचने की यात्रा
DPS हेलीपैड से प्रधानमंत्री सुबह 10:45 बजे सीधे अरेल घाट के लिए रवाना हुए। अरेल घाट पहुंचने के बाद वह नाव के जरिए महाकुंभ मेले तक यात्रा किये। संगम तक की इस यात्रा को बेहद शानदार और दिव्य बनाने की तैयारी चल रही है। नाव को पारंपरिक तरीके से सजाया गया, और गंगा नदी के किनारे हजारों श्रद्धालु प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए उमड़ सकते हैं।
संगम में पवित्र स्नान
PM Modi सुबह 11 बजे संगम तट पर पहुंचकर पवित्र स्नान किये। महाकुंभ में उनके स्नान के लिए 11:00 से 11:30 बजे तक का समय आरक्षित किया गया। माना जा रहा है कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्नान के बाद कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान भी कर सकते हैं। संगम में डुबकी लगाकर वह भारत की सनातन परंपरा और आस्था को और मजबूती देने का संदेश दिया।
अरेल घाट वापसी और प्रयागराज से प्रस्थान
संगम में पवित्र स्नान के बाद, पीएम मोदी सुबह 11:45 बजे नाव के माध्यम से अरेल घाट लौटे। वहां से वह हेलिकॉप्टर द्वारा DPS हेलीपैड पहुंचे और फिर सीधे प्रयागराज एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए ।
वायुसेना के विमान से दिल्ली वापसी
PM Modi दोपहर 12:30 बजे वायुसेना के विशेष विमान से प्रयागराज से रवाना हो गए माना जा रहा है कि उनके इस दौरे के दौरान कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं भी हो सकती हैं, जो आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर होंगी।
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महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर PM Modi का यह दौरा अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी इस यात्रा से संगम नगरी प्रयागराज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक पहचान मिलेगी और श्रद्धालुओं के बीच उत्साह और श्रद्धा और भी बढ़ जाएगी। यह दौरा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपराओं को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर भी होगा।