National Education Policy 2020 : नए शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे कौशल-आधारित पाठ्यक्रम

National Education Policy 2020
National Education Policy 2020 (NEP) मुख्य बदलाव :-
- कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर, रटंत सिस्टम से हटकर व्यावहारिक ज्ञान को प्राथमिकता
- डिजिटल साक्षरता को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाएगा
- Experiential Learning : अनुभवात्मक शिक्षण के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा, जिससे वे वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकेंगे।
- आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और समस्या-समाधान जैसे कौशल विकसित करने पर फोकस

National Education Policy 2020 का उद्देश्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत केंद्र सरकार ने शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधारों की घोषणा की है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप दक्ष बनाना और उनकी रोजगार क्षमता को सशक्त करने के अनुरूप तैयार करना है।
Skill-Based Education : प्रमुख विशेषताएं
बहु-विषयक दृष्टिकोण – विज्ञान, कला और कमर्शियल के बीच कठोर विभाजन खत्म
भाषा लचीलापन – कक्षा 5 तक मातृभाषा/स्थानीय भाषा में शिक्षा
डिजिटल और तकनीकी शिक्षा – AI, कोडिंग और डेटा साइंस जैसे सब्जेक्ट्स को बढ़ावा
व्यावसायिक प्रशिक्षण – कक्षा 6 से ही इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट पर जोर
शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण
इस नई सिस्टम को सफल बनाने के लिए देशभर के शिक्षकों और प्रशिक्षकों को विशेष कार्यशालाओं के माध्यम से तैयार किया जा रहा है। कई विश्वविद्यालयों ने पहले ही अपने पाठ्यक्रमों को NEP 2020 के अनुरूप ढालना शुरू कर दिया है।

भविष्य की दिशा
सरकार का लक्ष्य है कि NEP 2020 भारत को एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने और ग्लोबल शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ने की भूमिका निभाने में मदद करे। यह नीति छात्रों के आल राउंड विकास और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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National Education Policy 2020 भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक परिवर्तन लेकर आई है। यह न केवल छात्रों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करेगी, बल्कि उनकी रोजगार योग्यताओं को भी बढ़ाएगी, जिससे देश की आर्थिक प्रगति को नया आयाम मिलेगा।