Khan Sir विवाद: बिहार के उपमुख्यमंत्री ने BPSC विरोध के लिए शिक्षकों को दोषी ठहराया
Khan Sir की तबियत खराब अस्पताल में भर्ती –
BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षा को लेकर हुए विरोध के बाद, यह मामला नया मोड़ ले चुका है। बिहार(Bihar) के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले में शिक्षकों को दोषी ठहराया है, जिनके बारे में उनका कहना है कि उन्होंने इस अशांति को बढ़ावा दिया। यह विरोध पहले परीक्षा के Normalization प्रक्रिया और खान सर(Khan Sir) के बयानों को लेकर शुरू हुआ था, जो बिहार के एक लोकप्रिय शिक्षक हैं।
BPSC ने किया स्पष्टीकरण: परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा
BPSC ने उम्मीदवारों के बीच बढ़ती चिंता और भ्रम के बीच आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया है कि आगामी परीक्षा में Normalization प्रक्रिया लागू नहीं होगी। आयोग ने यह भी कहा कि जो भ्रम फैलाया गया है, वह बेबुनियाद और भ्रामक था। BPSC के अनुसार, Normalization से संबंधित अफवाहें निराधार थीं और इनसे उम्मीदवारों में अनावश्यक घबराहट फैल गई।
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का बयान
हाल ही में एक प्रेस बात चीत में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने चल रहे विरोधों पर प्रतिक्रिया दी और शिक्षकों को अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह कहा कि कुछ शैक्षिक व्यक्तित्वों, जिसमें खान सर(Khan Sir) भी शामिल हैं, ने ऐसे बयान दिए थे, जिन्होंने स्थिति को बढ़ावा दिया। सिन्हा ने कहा कि परीक्षा और शैक्षिक प्रणाली से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा जिम्मेदारी से विचार किया जाना चाहिए।
खान सर(Khan Sir) की भूमिका
खान सर(Khan Sir), बिहार(Bihar) के एक प्रसिद्ध शिक्षक, BPSC परीक्षा से जुड़े विवाद में एक केंद्रीय पात्र रहे हैं। उनके द्वारा किए गए बयान, जो परीक्षा प्रक्रिया की आलोचना करते हुए थे, प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके विरोध का कारण बताये गए। हालांकि, खान सर(Khan Sir) का उद्देश्य प्रणाली की खामियों को उजागर करना था, लेकिन उनके बयानों ने अप्रत्यक्ष रूप से विरोध को और हवा दी।
शांतिपूर्ण समाधान की अपील
BPSC विरोध ने बिहार(Bihar) में शिक्षा नीतियों के बारे में स्पष्ट संवाद और जिम्मेदार विचार की आवश्यकता को उजागर किया है। उपमुख्यमंत्री के बयानों में शिक्षकों की भूमिका पर जोर देने के बाद, अब मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि सभी उम्मीदवारों के लिए परीक्षा प्रक्रिया सुगम और निष्पक्ष हो। जैसे-जैसे स्थिति बदलती है, यह आवश्यक है कि अधिकारी और शिक्षक दोनों मिलकर छात्रों के लाभ के लिए स्थिति को साफ और सुव्यवस्थित करें।
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