Jammu and Kashmir:कांग्रेस के बिना चुनाव नहीं बीजेपी के बिना सरकार नहीं है अमर अब्दुल्ला की रणनीति।
जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) की रणनीति में उमर अब्दुल्ला का नाम एक प्रमुख चेहरा है, जो उनकी राजनीति हमेशा से चर्चा में रही है और लेकिन हाल ही में इन दिनों उनकी रणनीति और भी दिलचस्प हो गई है। ऐसा लगता है कि उमर अब्दुल्ला की राजनीति अब पूरी तरह से कांग्रेस और बीजेपी के इर्द-गिर्द घूम रही है।
जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) में चुनाव जीतने के बाद उमर अब्दुल्ला को कांग्रेस का साथ चाहिए, लेकिन सरकार बनाने के लिए उन्हें भाजपा(BJP) का समर्थन चाहिए और राजनीति का एक नया समीकरण है जिसे उमर अब्दुल्ला ने बखूबी अपनाया है।
Jammu and Kashmir में कांग्रेस (Congress) के बिना चुनाव नहीं
जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) की राजनीति में कांग्रेस का अहम रोल रहा है, चुनावी मैदान में उतरने के समय उमर अब्दुल्ला कांग्रेस के साथ समर्थन की जरूरत पड़ती है, और कांग्रेस के साथ मिलने से उन्हें वोट बैंक मिलता है खासकर उन इलाकों से जहां कांग्रेस की जड़े मजबूत है।
Jammu and Kashmir में बीजेपी (BJP)के बिना सरकार नहीं
जम्मू कश्मीर(Jammu and Kashmir) में जहां एक ओर कांग्रेस के बिना चुनाव जीतना मुश्किल है, वहीं दूसरी ओर भाजपा के बिना सरकार चलाना भी आसान नहीं है, जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए बीजेपी का समर्थन बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि भाजपा केंद्र में सत्तासीन है और जम्मू(Jammu and Kashmir) क्षेत्र में उनका प्रभाव बढ़ रहा है, उमर अब्दुल्ला इस समीकरण को समझते हैं कि वह सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ संबंध बनाएं रखना जरूरी है।
जम्मू और कश्मीर(Jammu and Kashmir) की राजनीति में उमर अब्दुल्ला की रणनीति यही दर्शाती है, कि वह राजनीति केवल विचारधारा पर नहीं बल्कि व्यावहारिक समीकरणों पर आधारित होती जा रही है, क्योंकि कांग्रेस (Congress)और बीजेपी (BJP)के बिना उमर अब्दुल्ला के लिए ना तो चुनाव जीतना आसान है और ना ही सरकार चलाना आसान है।