बदलने वाली है Delhi की सवारी ! CNG ऑटो हटेंगे, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आएंगे

New Delhi इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी
Delhi की सड़कों पर आम लोगों के सफर को आसान बनाने वाले हरे-पीले रंग के CNG ऑटो जल्द ही इतिहास बन सकते हैं। इनकी जगह पर जल्द ही नीले और सफेद रंग के इलेक्ट्रिक ऑटो दौड़ते नजर आ सकते हैं। दिल्ली सरकार इस संबंध में एक बड़ा और अहम फैसला लेने की तैयारी में है, जिससे शहर की परिवहन व्यवस्था में बड़ा बदलाव आ सकता है।
New Delhi इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0
Delhi Government अगले महीने ‘दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2.0’ जारी कर सकती है। इस नई नीति के तहत राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई जा रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदूषण कम करना और अधिक eco friendly transportation साधनों को बढ़ावा देना है।
CNG ऑटो को फेज्ड तरीके से हटाने की योजना
नई नीति के तहत सरकार 10 साल से ज्यादा पुराने सभी CNG ऑटो रिक्शा, टैक्सी और लाइट कमर्शियल व्हीकल (LCVs) को धीरे-धीरे सड़कों से हटाने का निर्णय ले सकती है। सरकार का मानना है कि यह कदम दिल्ली की हवा को साफ़ और स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और लोगों को आधुनिक परिवहन ऑप्शन अवलेबल कराएगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की रणनीति
CNG वाहनों की जगह पर इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा, इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स, लाइट कमर्शियल व्हीकल, इलेक्ट्रिक बस और ट्रक को शामिल करने की व्यापक योजना बनाई जा रही है। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएं, ताकि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त और टिकाऊ शहर बनाया जा सके।
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर आकर्षक इंसेंटिव
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सब्सिडी और इंसेंटिव भी ऑफर कर सकती है। इससे लोग अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग सुगम और सुविधाजनक हो।
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क्या होगा इस फैसले का असर?
Delhi Government के इस बड़े फैसले से राजधानी की परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल सकता है। एक ओर जहां प्रदूषण को कम करने में यह पहल मददगार साबित होगी, वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते चलन से आधुनिक और पर्यावरण अडाप्टिव ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम विकसित हो सकेगी। अब देखना होगा कि सरकार कब और कैसे इस योजना को लागू करती है, और इससे आम जनता को कितनी सुविधाएं मिलती हैं।