Ganesh Chaturthi 2025 : तिथि और 6 अनमोल महाराष्ट्रीयन व्यंजन जो उत्सव को बनाते हैं अविस्मरणीय

Ganesh Chaturthi 2025
Ganesh Chaturthi 2025, भारत के सबसे जीवंत और भक्ति से भरे त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से महाराष्ट्र में उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश, विघ्नहर्ता और बुद्धि के दाता, की पूजा का प्रतीक है। यह परिवारों को एक साथ लाता है, जहां पूजा, अनुष्ठान और स्वादिष्ट भोजन का संगम होता है। 2025 में यह त्योहार और भी भव्य होने वाला है, जिसमें महाराष्ट्रीयन व्यंजन उत्सव का केंद्र बिंदु होंगे। आइए जानें गणेश चतुर्थी 2025 की तारीख और छह पारंपरिक व्यंजनों के बारे में, जो आपके उत्सव को और खास बनाएंगे।
Ganesh Chaturthi 2025 : तिथि और महत्व
Ganesh Chaturthi 2025, 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होगी। यह 10 दिवसीय उत्सव 6 सितंबर 2025 को गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) के साथ समाप्त होगा, जब भक्त गणेश जी की मूर्तियों को नदियों, झीलों या समुद्र में विसर्जित करते हैं। मध्याह्न गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:06 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है, जो पूजा और अनुष्ठानों के लिए सबसे उपयुक्त समय है।

यह त्योहार सुख, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने का अवसर है। पारंपरिक भोजन, जो नैवेद्य (प्रसाद) के रूप में चढ़ाया जाता है, इस उत्सव का एक अभिन्न हिस्सा है और महाराष्ट्र की समृद्ध पाक परंपरा को दर्शाता है।
6 महाराष्ट्रीयन व्यंजन जो गणेश चतुर्थी को बनाते हैं खास
गणेश चतुर्थी का उत्सव बिना स्वादिष्ट महाराष्ट्रीयन व्यंजनों के अधूरा है। ये व्यंजन, मीठे से लेकर नमकीन तक, न केवल स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि इनका सांस्कृतिक महत्व भी है। नीचे छह ऐसे व्यंजन दिए गए हैं, जिन्हें आप घर पर बनाकर अपने उत्सव को और यादगार बना सकते हैं।
1. उकडीचे मोदक (Ukadiche Modak)
क्यों खास: मोदक भगवान गणेश का सबसे प्रिय मिठाई है। यह चावल के आटे से बनी भाप में पकी डम्पलिंग है, जिसमें नारियल और गुड़ की मीठी भरावन होती है। यह सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
बनाने की विधि:
- चावल के आटे को गर्म पानी के साथ गूंथकर नरम आटा तैयार करें।
- भरावन के लिए ताजा कद्दूकस किया नारियल और गुड़ को पकाएं, इसमें इलायची पाउडर डालें।
- आटे को छोटे गोले बनाकर उसमें भरावन भरें, मोदक का आकार दें और 10-12 मिनट तक भाप में पकाएं। टिप: ताजा नारियल का उपयोग करें और आटे को मुलायम रखें ताकि मोदक में दरारें न पड़ें।

2. पूरन पोली (Puran Poli)
क्यों खास: यह मीठी रोटी चना दाल, गुड़ और मसालों से भरी होती है, जिसे घी के साथ परोसा जाता है। यह उत्सव का एक विशेष व्यंजन है।
बनाने की विधि:
- चना दाल को उबालकर मैश करें, गुड़, इलायची और जायफल के साथ पकाकर पूरन बनाएं।
- गेहूं के आटे से नरम आटा गूंथें।
- आटे में पूरन भरें और तवे पर घी के साथ सुनहरा होने तक सेंकें। टिप: गर्मागर्म पूरन पोली को घी या दूध के साथ परोसें।

3. कोथिंबीर वडी (Kothimbir Vadi)
क्यों खास: यह बेसन और ताजा धनिया से बना कुरकुरा नमकीन स्नैक है, जो चाय के साथ परोसने के लिए बेहतरीन है।
बनाने की विधि:
- बेसन, कटा हुआ धनिया, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और पानी मिलाकर गाढ़ा बैटर बनाएं।
- बैटर को चिकनाई लगी ट्रे में भाप में पकाएं, ठंडा होने पर काटें और तल लें। टिप: हरी चटनी या इमली की चटनी के साथ परोसें।

4. साबुदाना खिचड़ी (Sabudana Khichdi)
क्यों खास: यह व्रत के लिए उपयुक्त हल्का और स्वादिष्ट व्यंजन है, जो साबुदाना, मूंगफली और हल्के मसालों से बनता है।
बनाने की विधि:
- साबुदाना को रातभर भिगोएं और छान लें।
- घी में जीरा, हरी मिर्च और उबले आलू भूनें, फिर भीगा साबुदाना और भुनी मूंगफली डालकर पकाएं।
- सेंधा नमक डालें और साबुदाना पारदर्शी होने तक पकाएं। टिप: परोसने से पहले नींबू का रस डालें।

5. रवा लड्डू (Rava Ladoo)
क्यों खास: सूजी, घी और चीनी से बने ये लड्डू जल्दी बनने वाली मिठाई हैं, जो नैवेद्य के लिए आदर्श हैं।
बनाने की विधि:
- सूजी को घी में सुनहरा होने तक भूनें।
- चीनी, इलायची पाउडर और थोड़ा गर्म दूध मिलाकर बांध लें।
- मिश्रण को गर्म होने पर लड्डू का आकार दें। टिप: काजू या किशमिश डालकर स्वाद बढ़ाएं।

6. श्रीखंड (Shrikhand)
क्यों खास: यह दही, चीनी और केसर से बना मलाईदार डेज़र्ट है, जो उत्सव की थाली को शाही बनाता है।
बनाने की विधि:
- दही को मलमल के कपड़े में 4-6 घंटे लटकाकर छान लें।
- छने दही में पिसी चीनी, गर्म दूध में भिगोया केसर और इलायची पाउडर मिलाएं।
- बादाम और पिस्ता से सजाएं। टिप: आम्रखंड (मैंगो श्रीखंड) एक स्वादिष्ट वैरिएंट है।

गणेश चतुर्थी में भोजन का महत्व
महाराष्ट्रीयन संस्कृति में भोजन केवल भूख मिटाने का साधन नहीं, बल्कि भक्ति और एकजुटता का प्रतीक है। भगवान गणेश को मोदक और लड्डू चढ़ाना सुख और समृद्धि का आशीर्वाद माना जाता है। इन व्यंजनों को परिवार और दोस्तों के साथ बांटना उत्सव की खुशी को दोगुना करता है। इनके बनाने की प्रक्रिया में श्रद्धा और प्रेम का समावेश होता है।
गणेश चतुर्थी को खास बनाने के लिए टिप्स
- इको-फ्रेंडली उत्सव: पर्यावरण की रक्षा के लिए मिट्टी की मूर्तियों का उपयोग करें, जो पानी में आसानी से घुल जाएं।
- पारंपरिक नियम: त्योहार के दौरान प्याज, लहसुन, अंडे और मांसाहारी भोजन से बचें।
- तैयारी पहले से करें: समय बचाने के लिए गुड़ को कद्दूकस करें, मेवे भूनें और घी तैयार रखें।
- छोटे हिस्से बनाएं: मोदक और लड्डू को ताजा रखने के लिए छोटी मात्रा में बनाएं।
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Ganesh Chaturthi 2025, 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर को विसर्जन के साथ समाप्त होगी। इन छह महाराष्ट्रीयन व्यंजनों—उकडीचे मोदक, पूरन पोली, कोथिंबीर वडी, साबुदाना खिचड़ी, रवा लड्डू और श्रीखंड—के साथ आप अपने उत्सव को और स्वादिष्ट बना सकते हैं। इन्हें प्यार और भक्ति के साथ बनाएं, भगवान गणेश को अर्पित करें और अपने प्रियजनों के साथ उत्सव की खुशी बांटें।
गणपति बप्पा मोरया!