NTPC Green Energy ने ग्रीन हाइड्रोजन हब परियोजना के लिए हनीवेल UOP से मिलाया हाथ

NTPC Green Energy
NTPC Green Energy Limited (NGEL) और हनीवेल UOP इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) उत्पादन की संभावनाओं को तलाशने के लिए 25 अप्रैल को एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य भारत के विमानन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करना और ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों को आगे बढ़ाना है।
समझौते का आदान-प्रदान NTPC के कार्यकारी निदेशक (हाइड्रोजन) DMR पांडा और हनीवेल UOP के उपाध्यक्ष एवं महाप्रबंधक (ESS) रंजीत कुलकर्णी के बीच हुआ।
तकनीकी सहयोग और फोकस क्षेत्र
दोनों कंपनियाँ हनीवेल की उन्नत eFining टेक्निक का उपयोग कर फेसबिलिटी अध्ययन करेंगी। यह अध्ययन मुख्यतः NTPC के पावर प्लांट्स से कैप्चर की गई कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग कर सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल उत्पादन पर केंद्रित होगा।

ग्रीन हाइड्रोजन हब परियोजना का हिस्सा
यह पहल NTPC के आंध्र प्रदेश के पुदीमाडका में विकसित किए जा रहे ग्रीन हाइड्रोजन हब का अभिन्न हिस्सा है, जो लगभग 1,200 एकड़ में फैला होगा। इस परियोजना का उद्देश्य भारत में हरित रसायनों और सतत मैन्युफैक्चर्ड को बढ़ावा देना है।
NTPC Green Energy का 2032 लक्ष्य
NTPC ने 2032 तक 60 गीगावॉट रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। कंपनी का मानना है कि हनीवेल UOP के साथ यह सहयोग इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारत की ग्लोबल स्थिति होगी मजबूत
यह साझेदारी भारत को स्वच्छ विमानन ईंधन के क्षेत्र में ग्लोबल अग्रणी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। साथ ही यह देश में स्वदेशी टेक्निक और हरित औद्योगिक विकास को भी सशक्त करेगी।
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