सीएम नायब सिंह सैनी के नायाब व्यक्तित्व और जीवन यात्रा का दस्तावेज़ है तरुण झा की पुस्तक ‘नायाब नायब’

 सीएम नायब सिंह सैनी के नायाब व्यक्तित्व और जीवन यात्रा का दस्तावेज़ है तरुण झा की पुस्तक ‘नायाब नायब’

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की राजनीतिक यात्रा और उनके जीवन के संघर्षों को बेहद दिलचस्प अंदाज़ में प्रस्तुत करने वाली पुस्तक ‘नायाब नायब – स्वयंसेवक से मुख्यसेवक तक’ हाल ही में प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक को लिखा है वरिष्ठ टीवी पत्रकार तरुण झा ने, जो स्वयं मुख्यमंत्री सैनी के गृह क्षेत्र से आते हैं और पिछले कई वर्षों से उनकी राजनीतिक गतिविधियों की क़रीबी तौर पर रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

यह किताब मात्र 128 पन्नों में सिमटी हुई है, लेकिन इसकी गहराई और विषयवस्तु किसी महाकाव्य से कम नहीं है। पुस्तक को तीन अध्यायों में बाँटा गया है, जिनमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को क्रमबद्ध तरीके से रखा गया है। किताब की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल राजनीतिक घटनाओं की सूची नहीं है, बल्कि यह एक साधारण स्वयंसेवक से लेकर राज्य के मुख्य सेवक बनने तक की संघर्ष, निष्ठा और सेवा भावना से भरी जीवन यात्रा को बेहद संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।

तरुण झा की पुस्तक ‘नायाब नायब’

पुस्तक की शुरुआत नायब सिंह सैनी के शुरुआती जीवन, पारिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक परिवेश से होती है। इसके बाद संगठन में उनकी भूमिका, भारतीय जनता पार्टी के साथ उनका जुड़ाव, पार्टी में किए गए कार्य, और धीरे-धीरे उनका राजनीतिक उभार – विधायक, राज्य मंत्री, सांसद, प्रदेश अध्यक्ष और अंततः मुख्यमंत्री बनने तक का सफर विस्तार से बताया गया है।

तरुण झा की पुस्तक ‘नायाब नायब’

सबसे खास बात यह है कि इसमें सीएम बनने की इनसाइड स्टोरी भी है – वो घटनाएं और चर्चाएं जो आमतौर पर जनता के सामने नहीं आतीं। लेखक ने एक पत्रकार की दृष्टि से उन पर्दे के पीछे की कहानियों को भी सामने लाने का प्रयास किया है, जो इस यात्रा को और अधिक रोचक बनाती हैं।

किताब में सिर्फ सैनी के राजनीतिक सफर का ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व, विचारधारा, कार्यशैली, और जनता से जुड़े रहने की उनकी कोशिशों का भी वर्णन है। उनके कामकाज की शैली, फैसले लेने का तरीका, आम जनता और कार्यकर्ताओं के साथ उनका संवाद – इन सब पर भी प्रकाश डाला गया है। साथ ही, हरियाणा भाजपा की चार दशक की यात्रा और उसमें सैनी की भूमिका को भी पुस्तक में समाहित किया गया है।

पुस्तक में कई दुर्लभ तस्वीरें भी दी गई हैं, जो नायब सिंह सैनी के जीवन के अनछुए पलों को उजागर करती हैं। साथ ही, कुछ नायाब किस्से – जो उनके साथ काम करने वाले लोगों ने साझा किए – पाठकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं।

लेखक तरुण झा की भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली है। उनका पत्रकारिता का अनुभव किताब के हर पन्ने में झलकता है। चूंकि वे स्वयं मुख्यमंत्री के क्षेत्र से हैं और लंबे समय से उन्हें करीब से जानते हैं, इसलिए यह किताब अधिक प्रामाणिक, सजीव और विश्वसनीय बन जाती है।

‘नायाब नायब – स्वयंसेवक से मुख्यसेवक तक’ न सिर्फ एक राजनेता की जीवनी है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक दस्तावेज़ है, जो यह बताता है कि किस प्रकार निष्ठा, मेहनत और सेवा के संकल्प के साथ कोई भी व्यक्ति जनता का सेवक बन सकता है।

पुस्तकनायाब नायब – स्वयंसेवक से मुख्यसेवक तक
लेखक – तरुण झा
मूल्य – ₹200 मात्र
समीक्षक – नागेंद्र परमार

यह पुस्तक राजनीति, समाज सेवा और नेतृत्व में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए एक बेहतरीन संग्रहणीय सामग्री है।

AVS POST Bureau

http://avspost.com

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Bhool bhulaiyaa 3 Teaser and Trailer सावित्रीबाई फुले(Savitribai Phule) महिलाओं को प्रगति के मार्ग पर लाने वाली एक मजबूत सोच