MH-17 Crash : यूरोपीय कोर्ट ने रूस को ठहराया जिम्मेदार, 11 साल बाद मिला न्याय

MH-17 Crash
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ECHR) ने 2014 में MH-17 Crash विमान दुर्घटना के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया
विमान को यूक्रेन में रूस समर्थित विद्रोहियों द्वारा मिसाइल हमले में गिराया गया था
हादसे में 298 लोगों की मौत हुई, जिनमें 17 देशों के नागरिक शामिल थे
रूस ने फैसले को “निरर्थक” बताया, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय कानूनी जीत मानी जा रही है

MH-17 crash : क्या हुआ था?
17 जुलाई 2014 को, मलेशियाई एयरलाइंस की उड़ान MH-17 एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर जा रही थी, जब यह पूर्वी यूक्रेन के ऊपर से गुजरते समय एक मिसाइल हमले का शिकार हो गई। विमान में सवार सभी 298 यात्री और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई।
अंतरराष्ट्रीय जांच दल (JIT) ने पाया कि विमान को रूसी निर्मित “बक” मिसाइल सिस्टम से निशाना बनाया गया था, जिसे रूस समर्थित विद्रोहियों ने इस्तेमाल किया था।
ECHR का ऐतिहासिक फैसला: रूस को ठहराया गया जिम्मेदार
25 जून 2024 को, यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ECHR) ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए रूस को MH-17 हादसे के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराया। यह फैसला यूक्रेन और नीदरलैंड द्वारा दायर किए गए मामलों पर आधारित था, जिसमें रूस पर मानवाधिकार उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने के आरोप लगे थे।
फैसले के प्रमुख निष्कर्ष:
- रूस ने यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप किया और विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराए
- रूसी अधिकारियों ने MH-17 की जांच में सहयोग नहीं किया
- अदालत ने रूस की आलोचना करते हुए कहा कि उसने न्यायिक प्रक्रिया का बहिष्कार किया

रूस की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
रूस ने ECHR के फैसले को “राजनीतिक और निरर्थक” बताते हुए खारिज कर दिया है। हालांकि, यह फैसला अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है।
फैसले के महत्वपूर्ण परिणाम:
- पीड़ितों के परिवारों को 11 साल बाद न्याय मिला
- यूक्रेन ने इसे “ऐतिहासिक जीत” बताया
- पश्चिमी देशों को रूस पर और प्रतिबंध लगाने का कानूनी आधार मिला
- यह फैसला यूक्रेन युद्ध में रूस के युद्ध अपराधों को भी उजागर करता है
आगे क्या होगा? मुआवजे और कानूनी लड़ाई
ECHR अब मुआवजे की राशि तय करेगा, लेकिन रूस ने अभी तक संकेत नहीं दिया है कि वह इस फैसले को मानेगा या पीड़ितों के परिवारों को क्षतिपूर्ति देगा।
इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय कानून में एक मिसाल कायम हुई है, जिसके तहत राज्य-समर्थित आतंकवाद और नागरिक हत्याओं के लिए देशों को जवाबदेह ठहराया जा सकता है।

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एक ऐतिहासिक न्यायिक जीत
MH-17 हादसा आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा पर एक गंभीर सवाल उठाता है। ECHR का यह फैसला न केवल पीड़ित परिवारों के लिए न्याय का प्रतीक है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश भी देता है।