Gorakhpur Murder Case : गोरखपुर NEET छात्र हत्याकांड, योगी के गृह जनपद में बवाल, STF जांच और पुलिस लापरवाही पर सवाल

Uttar Pradesh gorakhpur murder case six bones in head were broken of Deepak Gupta post mortem reveals shocking details
Gorakhpur Murder Case : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। CM योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में, पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूषण गांव में 15 सितंबर 2025 की रात एक 19 वर्षीय NEET छात्र दीपक गुप्ता की पशु तस्करों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद 17 घंटे तक चले बवाल, आगजनी और प्रदर्शन ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। पूरी पुलिस चौकी को सस्पेंड कर दिया गया, और STF चीफ अमिताभ यश मौके पर पहुंचे।
Gorakhpur Murder Case : घटना का पूरा विवरण
Gorakhpur Murder Case : 15 सितंबर की रात करीब 11:30 बजे, पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूषण/महुआ चापी गांव में पशु तस्कर तीन गाड़ियों (डीसीएम और पिकअप) के साथ पहुंचे। वे गांव में मवेशियों को खूंटों से खोल रहे थे। स्थानीय ग्रामीणों ने शोर मचाया, और इस दौरान सरैया गांव का निवासी, NEET की तैयारी कर रहा 19 वर्षीय दीपक गुप्ता भी तस्करों का पीछा करने लगा। तस्करों ने उसे पकड़ लिया, डीसीएम में जबरन बिठाया और करीब एक घंटे तक घुमाया। इसके बाद उसकी सिर कुचलकर और मुंह में गोली मारकर हत्या कर दी गई। (हालांकि, पुलिस का दावा है कि मौत सिर में चोट से हुई, गोली नहीं चली।) शव को उसके घर से 4 किलोमीटर दूर सरैया गांव में फेंक दिया गया।

मंगलवार सुबह: बवाल और आगजनी
Gorakhpur Murder Case : 16 सितंबर की सुबह 3-4 बजे, दीपक का खून से लथपथ शव मिलने पर परिवार और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने एक डीसीएम पकड़ ली, लेकिन तस्कर भाग निकले। एक तस्कर, अजब हुसैन, को ग्रामीणों ने पकड़कर बुरी तरह पीटा। सुबह 7 बजे से गोरखपुर-पिपराइच रोड पर जाम लग गया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें SP नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच SHO पुरुषोत्तम आनंद सिंह घायल हो गए। एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। चार थानों की पुलिस और PAC को तैनात करना पड़ा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
- सुबह 10-12 बजे: 5 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद DM दीपक मीणा और SSP राज करण नैय्यर ने परिवार से मुलाकात की। परिवार को सहायता का भरोसा दिलाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए: “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
- दोपहर: SSP ने जंगल धूषण चौकी के इंचार्ज ज्योति नारायण तिवारी समेत 4 कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। पूरी चौकी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई।
- STF की एंट्री: ADG लॉ एंड ऑर्डर और STF चीफ अमिताभ यश गोरखपुर पहुंचे। STF की 5 टीमें गठित की गईं, और तस्करों की तलाश तेज कर दी गई।
गिरफ्तारियां और एनकाउंटर
17 सितंबर की दोपहर तक, पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया। इनमें:
- मोहम्मद रहीम (कुशीनगर, रामकोला रोड पर एनकाउंटर में गिरफ्तार, दोनों पैरों में गोली लगी)।
- अजब हुसैन (ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया)।
- छोटू और राजू (पुलिस हिरासत में)।
परिवार ने मांग की कि सभी हत्यारों का एनकाउंटर किया जाए, लेकिन पुलिस ने केवल आश्वासन दिया। परिवार और ग्रामीण असंतुष्ट हैं।

परिवार का दर्द
दीपक गुप्ता के पिता ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनकी मां ने रोते हुए कहा, “मेरे बेटे के हत्यारों को जान से मार दो।” दीपक NEET की तैयारी कर रहा था और परिवार का सपना था कि वह डॉक्टर बने। इस हत्याकांड ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।
उठ रहे सवाल
- पशु तस्करी पर नकेल क्यों नहीं? योगी सरकार में गो तस्करी के खिलाफ सख्ती का दावा किया जाता है, फिर भी ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं?
- पुलिस की निष्क्रियता? ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस को तस्करों की गतिविधियों की पहले से जानकारी थी, फिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
- कानून-व्यवस्था पर सवाल: मुख्यमंत्री के गृह जनपद में ऐसी घटना ने सरकार की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं।

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Gorakhpur Murder Case : यह हत्याकांड न केवल एक परिवार की दुखद घटना है, बल्कि पूरे पूर्वांचल में दहशत का माहौल पैदा कर चुका है। ग्रामीणों का कहना है, “पहले गोवंश ले जाते थे, अब हमारे बच्चे भी सुरक्षित नहीं?” पुलिस चौकी के सस्पेंशन और STF की तैनाती से कुछ हद तक स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन परिवार का गुस्सा और दर्द कम नहीं हुआ।
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा, “मुख्यमंत्री हर घटना पर गंभीर हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।” लेकिन विपक्ष ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता बताया है।
Gorakhpur Murder Case : यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी व्यवस्था युवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रही है? दीपक जैसे मेहनती और महत्वाकांक्षी छात्रों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में साझा करें।