बिजली विधेयक के विरोध में 10 अगस्त को बिजली इंजीनियरों, कर्मचारियों की हड़ताल
एआईपीईएफ ने बुधवार को कहा कि प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में 10 अगस्त को बिजली इंजीनियर और कर्मचारी एक दिन के लिए काम का बहिष्कार करेंगे।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने एक बयान में कहा कि संसद के मानसून सत्र के लिए सूचीबद्ध विधेयक को जल्दबाजी में नहीं लाया जाना चाहिए और इसे ऊर्जा पर स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए।
मीटिंग में ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन,ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ़ पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ़
इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस (एटक),इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया (सीटू), इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी वकर्र्स फेडरेशन (इंटक ) और ऑल इंडिया पावरमेन्स फेडरेशन के अध्यक्ष व् महामंत्री उपस्थित थे। दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद में रखने और पारित करने का एलान किया है जिसके विरोध में बिजली कर्मियों को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाये इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए। बिजली इंजीनियर ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया जिसके परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।