बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : Gen Z Voters को लक्षित करने की पार्टियों की रणनीतियां
Bihar election 2025 : Gen Z Voters
Gen Z voters : बिहार में जहां 40% से अधिक आबादी 18-35 वर्ष के लोगो की है, इस बार केassembly इलेक्शन में Gen Z voters की भूमिका निर्णायक साबित हो रही है। कल (11 नवंबर) दूसरे चरण का मतदान होने वाला है, और पार्टियां युवाओं को लुभाने के लिए रोजगार, डिजिटल कैंपेन और स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर रही हैं। लेकिन क्या ये वादे हकीकत में बदलेंगे?
Gen Z voters का महत्व : बिहार की युवा आबादी का दबदबा
बिहार में लगभग 2 करोड़ Gen z voters हैं, जो कुल वोटरों का 35-40% हैं। ये युवा बेरोजगारी (बिहार में 7.6% ऑफिसियल दर, लेकिन वास्तविकता में इससे कहीं ज्यादा है), प्रवासन और शिक्षा जैसे मुद्दों से त्रस्त हैं। पोस्ट-पैंडेमिक दौर में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय Gen Z पारंपरिक प्रचार से ज्यादा प्रभावित होता है। पार्टियां अब Instagram, TikTok-Style video और memes का सहारा ले रही हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में Gen Z से “वोट चोरी” रोकने की अपील की, जो NDA को निशाना बनाती है।

प्रमुख पार्टियों की Gen Z रणनीतियां
पार्टियाँ युवाओं को वोट डालने का सिर्फ वादा ही नहीं कर रही है , बल्कि डिजिटल कैंपेन और जमीनी स्तर पर युवा नेताओं को आगे ला रही हैं। NDA की रणनीति सरकारी योजनाओ जैसे PM-KISAN और skill INDIA का प्रचार पर बेस्ड है, जहां अमित शाह ने युवाओं से “Stability” की अपील की है। रोजगार सृजन और इंफ्रास्ट्रक्चर (एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट्स) पर फोकस करते हुए, वे X पर #BiharVikas कैंपेन चला रहे हैं। धरमेंद्र प्रधान ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा, “Gen Z राहुल की अहंकार तोड़ रही है।”
महागठबंधन (RJD-Congress) जातिगत जनगणना और 10 लाख jobs जैसे वादों के साथ आक्रामक है। राहुल गांधी की “Gen Z” अपील – वोट चोरी रोकने और “परिवर्तन” की गुहार – युवा रैलियों में तेजस्वी यादव के साथ जोड़ी गई है। बेरोजगारी, युवा आरक्षण और शिक्षा पर जोर देते हुए, वे वीडियो मैसेजेस का इस्तेमाल कर रहे हैं, जैसे राहुल का 1 मिनट का वीडियो: “Gen Z सतर्क रहो”। IYC के DTC बस वोट चोरी वीडियो ने भी ध्यान खींचा है। हालांकि, LJP-RV ने राहुल को “युवाओं को भड़काने” वाला बताया।
प्रशांत किशोर ऑप्शनल राजनीति पर दांव लगा रही है, जहां युवा नेतृत्व और “बदलाव की लहर” का नारा है। पीके ने राहुल को “घुमक्कड़” बताते हुए Gen Z को अपनी ओर खींचा है। युवा सुधार, एंटी-करप्शन और लोकल प्रॉब्लम पर फोकस करते हुए, वे सोशल मीडिया पर मीम्स और लाइव सेशंस चला रहे हैं। 20-25 सीटों का लक्ष्य युवा वोटर्स से ही है, और मुस्लिम-युवा वोटों पर खास नजर।
ये रणनीतियां पोस्ट-पैंडेमिक बदलावों पर आधारित हैं, जहां Gen Z डिजिटल ट्रस्ट और जल्दी समाधानों की तलाश में है। NDA विकास पर जोर दे रही है, जबकि विपक्ष “न्याय” और “सशक्तिकरण” पर।

राहुल गांधी की Gen Z अपील : विवादास्पद रणनीति
राहुल ने 9 नवंबर को एक वीडियो में Gen Z से कहा, “मोदी, शाह और चुनाव आयुक्त वोट चुरा रहे हैं। मतदान केंद्र पर सतर्क रहो।” यह अपील महागठबंधन की युवा-केंद्रित रणनीति का हिस्सा है, जो हरियाणा-महाराष्ट्र हार के बाद “वोटर अधिकार” पर फोकस करती है। लेकिन BJP ने इसे “भड़काऊ” बताया। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा, “ये हार मानने का संकेत है। NDA भारी बहुमत से जीतेगी।” धरमेंद्र प्रधान ने राहुल को “गोल्डन स्पून” वाला बताया, जो देश नहीं जानता।
X पर यह अपील वायरल हुई, लेकिन NDA समर्थक इसे “नकारात्मक” बता रहे हैं। एक पोस्ट में कहा गया, “Gen Z दिल्ली नहीं, बिहार चुनाव पर फोकस करो।”
Also Read This : Bihar Election Poll 2025 : मनोज तिवारी और निरहुआ बोले — NDA के नेतृत्व में बिहार चमक रहा है
चुनौतियां और भविष्य : क्या वादे पूरे होंगे?
Gen Z voters को लुभाने में पार्टियाँ नौकरियों के वादे कर रही हैं, लेकिन एक्सपर्ट शक जताते हैं। बिहार में 1 करोड़ से अधिक युवा बेरोजगार हैं, और प्रवासन जारी है। ADR रिपोर्ट के मुताबिक, Gen Z पुरानी राजनीति को चुनौती दे रहा है। महिलाओं और Gen Z का संयोजन (JDU के संजय ज्हा के अनुसार) चुनाव बदल सकता है।
अगर Gen Z voters NDA को चुनता है, तो स्थिरता बरकरार; महागठबंधन को, तो परिवर्तन। जन सुराज जैसे तीसरे मोर्चे युवा असंतोष का फायदा उठा सकते हैं। कल के मतदान के बाद एक्जिट पोल्स साफ करेंगे।