अरुणाचल प्रदेश(Arunachal Pradesh) भारत- चीन सीमा विवाद की जड़ और इसके पीछे की वजह
भारत और चीन( India- China) के बीच सीमा विवाद की कहानी बहुत पुरानी है, खासकर लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) तक । हाल ही में देपसांग और देमचोक में तनाव तो खत्म हुआ है, लेकिन पूरी सीमा पर शांति स्थापित नहीं हो सकी है । इस के आगे जानते हैं कि अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) और अन्य क्षेत्रों को लेकर यह विवाद क्यों बना हुआ है और इसके प्रमुख कारण क्या हैं ।
भारत- चीन( India- China) सीमा विवाद इतिहास
भारत और चीन( India- China) के बीच का सीमा विवाद 1950 के दशक से चला आ रहा है । जो तिब्बत पर चीन का कब्जा करने के बाद, उसने भारत की सीमा पर अपना प्रभाव जमाने की पूरी कोशिशें शुरू कीं । 1962 का भारत- चीन युद्ध इस विवाद का एक अहम मोड़ था, जिसमें चीन ने अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर दावा किया और युद्ध के दौरान कई हिस्सों पर कब्जा भी कर लिया । इस युद्ध के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम हुआ, लेकिन विवादित इलाकों का कोई हल नहीं निकल सका ।
अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) विवाद का कारण
अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) को चीन तिब्बत का हिस्सा मानता है, जबकि भारत इसे अपने पूर्ण अधिकार क्षेत्र में मानता है । चीन( China) अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) के तवांग क्षेत्र को खास तौर पर तिब्बत से जोड़ता है, जो बौद्ध संस्कृति का गहरा प्रभाव है । चीन का दावा है कि वे तवांग और अन्य इलाकों पर उसका ऐतिहासिक अधिकार है, जबकि भारत इसे sovereignty का मामला मानते हुए चीन की दावेदारी को पूरी तरह से खारिज करता है ।
लद्दाख से Arunachal Pradesh तक विवादित क्षेत्र
भारत और चीन( India- China) के बीच लगभग 3,488 km की लंबी सीमा है, जिसे Line of Actual Control( LAC) कहा जाता है । इस LAC के पश्चिमी हिस्से में लद्दाख और पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश है । दोनों देशों के बीच सीमांकन पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं है, जिससे कई क्षेत्रों में घुसपैठ और तनाव की स्थिति बनती रहती है । लद्दाख के देपसांग और देमचोक क्षेत्र में सेना की गतिविधियाँ बढ़ीं, लेकिन फिलहाल यहाँ तनाव में कमी आई है ।
चीन की रणनीति और Arunachal Pradesh पर असर
चीन अपने आर्थिक और सामरिक हितों को साधने के लिए बॉर्डर पर गतिविधियाँ बढ़ाता रहा है । जो अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) के कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम करने के दौरान चीन ने बार- बार अपनी आपत्ति जताता रहा है की, जिससे यहाँ के स्थानीय लोगों में भी अस्थिरता का माहौल बनता रहता है । इसके अलावा, चीन द्वारा LAC पर सड़कें, रेल लाइन और हवाई पट्टियाँ बनाने से भारत को भी अपनी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है ।
भारतीय सेना और सरकार का जवाब
भारत ने भी अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) में सड़कों, पुलों और अन्य infrastructure का विकास किया है । जिससे भारतीय सेना ने भी यहाँ अपनी स्थिति मजबूत की है, ताकि चीन के किसी भी प्रकार के आक्रमण का सामना किया जा सके । और भारतीय सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश( Arunachal Pradesh) भारत का अभिन्न हिस्सा है और यहाँ की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जाएगा ।
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Arunachal Pradesh सीमा विवाद का भविष्य
हाल ही में कई कूटनीतिक बैठकों और बातचीत के बाद भी सीमा विवाद का कोई ठोस समाधान नहीं निकला । चीन अपने आर्थिक और राजनीतिक हितों को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है, वहीं भारत अपनी संप्रभुता और सीमा की सुरक्षा को लेकर अडिग रहा है ।