Income Tax Bill 2025 : सरकार ने क्यों वापस लिया और अब क्या बदलाव होंगे नए बिल में?

 Income Tax Bill 2025 : सरकार ने क्यों वापस लिया और अब क्या बदलाव होंगे नए बिल में?

Income Tax Bill 2025

Income Tax Bill 2025 : केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में Income Tax Bill 2025 पेश किया था, जो 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेने के लिए तैयार किया गया था। इस बिल का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, अनावश्यक प्रावधानों को हटाना और करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाना था। हालांकि, 8 अगस्त 2025 को सरकार ने इस बिल को वापस लेने का फैसला किया और अब 11 अगस्त को इसके संशोधित संस्करण को पेश करने की योजना है। 

Income Tax Bill 2025
Income Tax Bill 2025

Income Tax Bill 2025 की मुख्य बातें

  • आयकर अधिनियम 1961 को बदलने का लक्ष्य
    Income Tax Bill 2025 को 6 दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने के लिए लाया गया था। यह बिल 536 धाराओं, 23 अध्यायों और 16 अनुसूचियों के साथ 622 पन्नों में फैला हुआ था, जो पुराने कानून की तुलना में अधिक संरचित और सरल था। इसका मुख्य उद्देश्य जटिल भाषा को सरल करना और करदाताओं के लिए नियमों को समझने में आसानी प्रदान करना था।
  • कर दरों और अपराधों में कोई बदलाव नहीं
    बिल में व्यक्तियों और कॉर्पोरेट्स के लिए कर दरों और कर व्यवस्थाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इसके अलावा, अपराधों और दंड से संबंधित प्रावधान भी पुराने कानून जैसे ही रखे गए थे। इसका फोकस केवल प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने पर था।
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर नया जोर
    बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (जैसे क्रिप्टोकरेंसी, एनएफटी आदि) को अघोषित आय की परिभाषा में शामिल किया गया था। इसके अलावा, कर अधिकारियों को सर्च और जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वर्चुअल डिजिटल स्पेस (जैसे सोशल मीडिया अकाउंट्स, ईमेल सर्वर, क्लाउड स्टोरेज) तक पहुंचने का अधिकार देने का प्रावधान था।
  • फेसलेस टैक्सेशन और नई योजनाएं
    बिल में फेसलेस कर संग्रह और मूल्यांकन की व्यवस्था को बरकरार रखा गया था। साथ ही, केंद्र सरकार को नई योजनाएं बनाने का अधिकार दिया गया था, जो तकनीक के उपयोग और संसाधनों के बेहतर उपयोग के जरिए पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाएंगी।
  • विवाद समाधान पैनल में सुधार
    विवाद समाधान पैनल को और प्रभावी बनाने के लिए बिल में प्रावधान था कि पैनल को अपने निर्णय के साथ निर्धारण के बिंदु और कारण स्पष्ट करने होंगे। यह विशेष रूप से ट्रांसफर प्राइसिंग और गैर-निवासियों से जुड़े मामलों में लागू होगा।
  • कर अनुपालन को आसान बनाने का प्रयास
    नए बिल का लक्ष्य करदाताओं और कर अधिकारियों के लिए अनुपालन को सरल बनाना था। इसमें आधुनिक अनुपालन तंत्रों का उपयोग और कर वसूली व अपील प्रक्रियाओं में सुधार शामिल थे। साथ ही, वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा को हटाकर केवल ‘कर वर्ष’ की परिभाषा को अपनाया गया था।
  • बिल को क्यों लिया गया वापस?

3 फरवरी 2025 को पेश होने के बाद, बिल को जांच के लिए सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति को भेजा गया था। समिति ने 21 जुलाई 2025                 को अपनी 4,500 पन्नों की रिपोर्ट में 285 सुझाव दिए थे। इन सुझावों में शामिल थे:

  •  मकान संपत्ति से आय पर राहत: 30% मानक कटौती को स्पष्ट रूप से कानून में उल्लेख करने और किराए की संपत्तियों के लिए गृह ऋण ब्याज कटौती का लाभ   देने की सिफारिश।
  • टीडीएस/टीसीएस रिफंड में तेजी: रिफंड प्रक्रिया को तेज, आसान और पारदर्शी बनाने का सुझाव।
  • नए सुझावों का समावेश: समिति ने कुछ नए सुझाव दिए, जिन्हें कानून के सही अर्थ को स्पष्ट करने के लिए बिल में शामिल करना जरूरी था।
  • Income Tax Bill 2025
    Income Tax Bill 2025

Income Tax Bill 2025 : इन सुझावों को शामिल करने और कई संस्करणों से होने वाली भ्रम की स्थिति से बचने के लिए सरकार ने मौजूदा बिल को वापस लेने का फैसला किया। अब 11 अगस्त 2025 को एक नया संशोधित बिल पेश किया जाएगा, जिसमें प्रवर समिति की अधिकांश सिफारिशें शामिल होंगी।

नए बिल से क्या उम्मीदें हैं?

नया Income Tax Bill 2025 न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि करदाताओं के लिए अनुपालन लागत को कम करने और कर विवादों को कम करने में भी मदद करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि यह कानून करदाताओं के लिए स्पष्टता और अनुपालन में आसानी लाएगा।

नया बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की उम्मीद है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि संशोधित संस्करण में प्रवर समिति के सुझावों को कैसे शामिल किया जाता है। इसके अलावा, सरकार ने “Empathy with Enforcement” नीति के तहत नए नियम तैयार करने की बात कही है, जो ईमानदार करदाताओं के लिए परेशानियों को कम करेगी।

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Income Tax Bill 2025 भारत की कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए। प्रवर समिति के सुझावों के साथ संशोधित बिल से करदाताओं को और राहत मिलने की उम्मीद है। यदि आप नए बिल की पीडीएफ कॉपी डाउनलोड करना चाहते हैं, तो इसे लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होने पर एक्सेस किया जा सकता है।

Nimmi Chaudhary

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