Bihar Election 2025 : एनडीए का संकल्प पत्र – 1 Crore Government Jobs और 1 करोड़ लखपति दीदियां, एक नई क्रांति की शुरुआत?
 
                              Bihar Election 2025 : 1 Crore Government Jobs
1 Crore Government Jobs : बिहार की धरती हमेशा से ही राजनीतिक उथल-पुथल और विकास की उम्मीदों का केंद्र रही है। आज, 31 अक्टूबर 2025 को, NDA ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। नाम है – ‘संकल्प पत्र’। यह सिर्फ एक कागज का पुलिंदा नहीं, बल्कि बिहार के युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के सपनों को साकार करने का वादा है। BJP, JDU और उनके सहयोगियों ने मिलकर 69 पेजों का यह दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें नीतीश कुमार और जेपी नड्डा जैसे दिग्गजों की छाप साफ दिखाई देती है। लेकिन सवाल यह है – क्या यह वादे सिर्फ चुनावी जुमले हैं या बिहार को वास्तव में ‘विकसित बिहार’ बनाने का रोडमैप?
1 Crore Government Jobs : युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
बिहार का हर नौजवान बेरोजगारी की मार झेल चुका है। सड़कों पर भटकते ग्रेजुएट्स, IIT-IIM जैसे संस्थानों से निकलने वाले टैलेंटेड युवा – सबकी आहें अब शायद थम जाएं। NDA का सबसे बड़ा दांव है – अगले पांच सालों में 1 Crore Government Jobs। जी हां, आपने सही पढ़ा! यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि औद्योगिक विस्तार, स्किल डेवलपमेंट और प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से जुड़ा प्लान है।

1 Crore Government Jobs : हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोले जाएंगे, जहां युवाओं को ग्लोबल इंडस्ट्रीज के लिए ट्रेनिंग मिलेगी। 10 नए इंडस्ट्रियल पार्क और फैक्टरियां हर जिले में, 100 MSME पार्क और 50,000 नई कुटीर उद्योग – यह सब सुनने में तो कमाल लगता है। ऊपर से चिपसेट, सेमीकंडक्टर और मैन्युफैक्चरिंग पार्क का प्लान, जो IT और Tech job को आसमान छूने वाला बना देगा। स्पोर्ट्स सिटी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से खेलों में भी रोजगार के द्वार खुलेंगे। लेकिन दोस्तों, याद रखिए – पिछले चुनावों में भी ऐसे वादे हुए थे। अब देखना यह है कि अमल कैसे होगा। क्या बिहार की जमीन पर ये पार्क उग आएंगे, या फिर कागजों तक सीमित रहेंगे?
महिलाओं की ताकत: 1 करोड़ लखपति दीदियां का सपना
1 Crore Government Jobs : महिलाएं बिहार की रीढ़ हैं – खेतों में मेहनत करने वाली, घर संभालने वाली, और अब उद्यमी बनने वाली। एनडीए का ‘मिशन करोड़पति डिडी’ महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे मजबूत कदम है। 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य, यानी हर महिला कम से कम एक लाख रुपये सालाना कमाए। सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स, उद्यमिता योजनाओं और वित्तीय सहायता से यह संभव होगा।
22 लाख महिलाओं के लिए स्पेशल एम्प्लॉयमेंट स्कीम, उद्यमी महिलाओं को 2 लाख तक की मदद, और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 10 लाख की सहायता – यह सब महिलाओं को आर्थिक आजादी की सीढ़ी चढ़ाने जैसा है। कल्पना कीजिए, बिहार की दीदियां अब सिर्फ घर की चारदीवारी में नहीं, बल्कि बाजार की मुख्यधारा में छाई हुईं। लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं – शिक्षा, सुरक्षा और बाजार पहुंच के बिना यह सपना अधूरा रहेगा। एनडीए को साबित करना होगा कि यह सिर्फ नारे नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत है।
किसान भाइयों की फसल : MSP गारंटी और दोगुनी आय
बिहार का किसान बारिश पर आश्रित है, बाढ़ पर चिंतित। संकल्प पत्र में हर फसल पर एमएसपी की गारंटी का वादा है, जो किसानों के लिए राहत की सांस है। किसान सम्मान निधि को 6,000 से बढ़ाकर 9,000 रुपये सालाना किया जाएगा। मछली पालन करने वालों को भी 9,000 रुपये की मदद, और कृषि पूर्व-इंफ्रास्ट्रक्चर में 9 लाख करोड़ का निवेश – यह सब खेती को मजबूत बनाने का प्रयास है। बाढ़-मुक्त बिहार का वादा भी है, जो हर बिहारी के दिल को छू गया। लेकिन सवाल वही – क्या केंद्र और राज्य मिलकर यह सब कर पाएंगे?

शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर: बिहार का नया चेहरा
शिक्षा के मोर्चे पर गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा, फोर्टिफाइड मिड-डे मील, और एससी छात्रों के लिए हर डिवीजन में रेसिडेंशियल स्कूल। ईबीसी छात्रों को 10 लाख तक की मदद, और SC/ST छात्रों को 2,000 रुपये मासिक – यह सब समावेशी विकास की बात करता है। 5,000 करोड़ का फंड प्रमुख स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए।
स्वास्थ्य में हर जिले में मेडिकल कॉलेज, मेडिकल सिटी का विकास। इंफ्रास्ट्रक्चर में 7 नई एक्सप्रेस-वे, 3,600 किमी रेल ट्रैक, पटना समेत चार शहरों में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, और चार नए शहरों में मेट्रो रेल। सीतामढ़ी को ‘आध्यात्मिक हेरिटेज सिटी’ बनाने का प्लान भी दिलचस्प है। गरीबों के लिए 50 लाख नई घर, मुफ्त राशन, और 125 यूनिट बिजली मुफ्त – यह सब बिहार को बदलने का दावा करता है।
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उम्मीद की किरण या चुनावी चाल?
1 Crore Government Jobs : NDA का संकल्प पत्र बिहार को ‘विकसित बिहार’ बनाने का ब्लूप्रिंट लगता है। जनता की सलाहों को शामिल करने का प्रयास सराहनीय है। लेकिन विपक्ष की चेतावनी भी सही है – 1 करोड़ नौकरियां देना आसान नहीं। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है, जहां एनडीए समर्थक इसे ‘ट्रांसफॉर्मेशन का रोडमैप’ बता रहे हैं, तो विपक्ष इसे ‘असंभव सपने’।
 
         
				