मिडल क्लास को नाराज कर सीतारमण ने किसानों को खुश किया
हेल्थकेयर, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर रहा वित्त मंत्री का जोर
आम बजट को लेकर मैं दिन भर आज टीवी चैनलों और रेडियो के लिए बहुत व्यस्त रहा। इस वजह से बजट पर अब लिख रहा हूं। वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश होने से पहले मिडल क्लास के लोगों को इनकम टैक्स को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीदें थीं, लेकिन बजट पेश होने के बाद लोगों को निराशा हाथ लगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हेल्थकेयर, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के जरिए रोजगार सृजन पर जोर दिया है। नया एग्री इन्फ्रा डेवलपमेंट सेस दो फरवरी, 2021 से प्रभावी हो जाएगा।
एक बार फिर से मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ और न ही निवेश पर छूट की सीमा बढ़ी लेकिन कुछ झटके जरूर लगे हैं। दूसरी तरफ मिडिल क्लास को दिए इन्हीं जख्मों से सरकार ने किसानों को मरहम लगाने की कोशिश की है। पेट्रोल, डीजल और सोने पर सरकार की ओर एग्रिकल्चर सेस लगाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये कृषि सेस लगाने का प्रस्ताव बजट में पेश किया है। इसके अलावा सोने पर भी 2.5 पर्सेंट कृषि सेस लगेगा।
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। सीतारमण द्वारा पेश किया गया यह बजट छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पेपरलेस हो गया। वित्त मंत्री ने अपन बजट में भले ही टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन बजट में टैक्स को लेकर पांच बड़ी घोषणा भी हुई है।
साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा PF जमा किया तो…
टैक्स बचाने का एक ‘जुगाड़’ खत्म हो गया है। इसका इस्तेमाल ऊंची सैलरी पाने वाले एंप्लॉयीज करते रहे हैं। असल में आम बजट 2021 में एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (EPF) और वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड (VPF) पर मिलने वाली ब्याज के लिए टैक्स छूट की सीमा तय करने का प्रावधान है। मतलब यह है कि एक साल में 2.5 लाख रुपये से ऊपर के प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाली ब्याज पर अब नॉर्मल रेट्स से टैक्स लिया जाएगा। यह केवल एंप्लॉयीज के कंट्रीब्यूशन पर लागू होगा, एंप्लॉयर (कंपनी) के योगदान पर नहीं।
75 से ऊपर के बुजुर्गों को आयकर रिटर्न भरने से राहत
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी।
आयकर आकलन पुन: खोलने के लिए समय सीमा घटाकर आधी की गयी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी। उन्होंने कहा कि आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समय सीमा पहले की छह साल से कम कर तीन साल होगी
करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति बनेगी
बजट प्रस्ताव के अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 1.10 लाख करदाताओं ने कर विवादों के हल के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाया है।
फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की शुरुआत
बजट में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल’ शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत एक नेशनल इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल सेंटर बनाया जा रहा है। सारा कम्युनिकेशन डिजिटल तरीके से होगा।
कर ऑडिट छूट की सीमा अब 10 करोड़ रुपये
डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिये कर ऑडिट छूट की सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर दोगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया।