Vishwakarma Puja 2025 : महत्व, तिथि और पूजा विधि

 Vishwakarma Puja 2025 : महत्व, तिथि और पूजा विधि

Vishwakarma Puja 2025

Vishwakarma Puja 2025 : जिसे विश्वकर्मा जयंती के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का शिल्पकार और निर्माण कला का देवता माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से कारीगरों, शिल्पकारों, इंजीनियरों, वास्तुकारों और सभी प्रकार के तकनीकी पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है। आइए, विश्वकर्मा पूजा 2025 के बारे में विस्तार से जानें।

Vishwakarma Puja 2025 की तिथि

विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जो आमतौर पर सितंबर महीने में पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व भाद्रपद मास के अंतिम दिन या आश्विन मास के प्रथम दिन मनाया जाता है।

Vishwakarma Puja 2025 की तिथि : 17 सितंबर 2025 (मंगलवार)

यह तिथि सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश करने के साथ संक्रांति के दिन पड़ती है। इस दिन लोग अपने कार्यस्थलों, कारखानों, मशीनों और औजारों की पूजा करते हैं।

Vishwakarma Puja 2025
Vishwakarma Puja 2025

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

भगवान विश्वकर्मा को विश्व का प्रथम इंजीनियर और वास्तुशास्त्र का जनक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने देवताओं के लिए कई शानदार संरचनाओं का निर्माण किया, जैसे स्वर्गलोक, द्वारका, और लंका। विश्वकर्मा पूजा का महत्व इसलिए है क्योंकि यह दिन कारीगरी, रचनात्मकता और तकनीकी कौशल को सम्मान देने का प्रतीक है।

इस दिन कारखानों, कार्यशालाओं और दफ्तरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। लोग अपने औजारों, मशीनों और वाहनों की पूजा करते हैं ताकि उनके कार्य में समृद्धि और सुरक्षा बनी रहे। यह पर्व न केवल आध्यात्मिक बल्कि व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कारीगरों को उनके कार्य के प्रति समर्पण और सम्मान की भावना को बढ़ाता है।

विश्वकर्मा पूजा की विधि

विश्वकर्मा पूजा का आयोजन बहुत ही श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। नीचे पूजा की सामान्य विधि दी गई है:

  1. साफ-सफाई: पूजा से पहले कार्यस्थल, कारखाना या घर को अच्छी तरह साफ करें। मशीनों और औजारों को भी स्वच्छ करें।
  2. पूजा स्थल की तैयारी: एक स्वच्छ स्थान पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा स्थल को फूलों, रंगोली और दीपों से सजाएं।
  3. संकल्प: पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लें और भगवान विश्वकर्मा का आह्वान करें।
  4. पूजा सामग्री: पूजा के लिए फूल, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, मिठाई, फल और पंचामृत जैसी सामग्री तैयार करें।
  5. मंत्र जाप: भगवान विश्वकर्मा के मंत्रों का जाप करें। एक सामान्य मंत्र है:
    ॐ विश्वकर्मणे नमः
  6. हवन और आरती: पूजा के बाद हवन करें (यदि संभव हो) और भगवान विश्वकर्मा की आरती करें।
  7. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद को सभी लोगों में बांटें और अपने औजारों या मशीनों पर तिलक लगाएं।
  8. दान और सेवा: इस दिन जरूरतमंदों को दान देना और अपने कर्मचारियों या सहकर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना शुभ माना जाता है।
Vishwakarma Puja 2025
Vishwakarma Puja 2025

विश्वकर्मा पूजा का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। यह पर्व कारीगरों और श्रमिकों को उनके योगदान के लिए सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन कारखानों और कार्यस्थलों में सामूहिक पूजा और उत्सव का आयोजन होता है, जो सामुदायिक भावना को बढ़ाता है।

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विश्वकर्मा पूजा 2025 की शुभकामनाएं

Vishwakarma Puja 2025 के अवसर पर हम सभी को भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करनी चाहिए कि वे हमें रचनात्मकता, कौशल और समृद्धि प्रदान करें। यह पर्व हमें अपने कार्य के प्रति समर्पण और मेहनत की प्रेरणा देता है।

Nimmi Chaudhary

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