Bird Flu in UP : योगी सरकार की सख्ती, पोल्ट्री और चिड़ियाघर पर बड़ा असर, जनता के लिए अलर्ट

Bird Flu in UP
Bird Flu in UP : उत्तर प्रदेश में हाल ही में बर्ड फ्लू (H5N1 और H9N2 स्ट्रेन) के प्रकोप ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। 17 अगस्त 2025 तक, राज्य सरकार ने इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू की स्थिति
गोरखपुर में प्रकोप
मई 2025 में, गोरखपुर के पांच क्षेत्रों (झुंगिया बाजार, एल्यूमिनियम फैक्ट्री क्षेत्र, तारामंडल, भगत चौराहा, और शहीद अशफाकुल्लाह खान जूलॉजिकल पार्क) में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके परिणामस्वरूप, 21 दिनों के लिए जीवित पक्षी बाजार बंद कर दिए गए और प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने (कुलिंग) की कार्रवाई की गई। रैपिड रिस्पॉन्स टीमें और सदर पशु चिकित्सा अस्पताल में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, जहां 1,328 नमूनों का परीक्षण किया गया।
रामपुर में स्थिति
Bird Flu in UP : रामपुर के सेहोरा गांव में बर्ड फ्लू के कारण 15,000 से अधिक मुर्गियों की मृत्यु हो गई। इसके बाद, मुर्गी बिक्री और पोल्ट्री उत्पादों के परिवहन पर 21 दिनों की रोक लगाई गई। प्रभावित क्षेत्र के 10 किलोमीटर के दायरे को नो-एंट्री जोन घोषित किया गया, और जिला पुलिस, पशु चिकित्सा टीमें, और स्थानीय प्रशासन ने रोकथाम के उपायों को लागू करने के साथ-साथ जन जागरूकता बढ़ाने का काम किया।

चिड़ियाघरों पर प्रभाव
Bird Flu in UP : गोरखपुर के शहीद अशफाकुल्लाह खान चिड़ियाघर में H5N1 के कारण एक बाघिन (शक्ति) और एक बाघ (पटौदी) की मृत्यु के बाद, उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख चिड़ियाघर, जैसे लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, और इटावा लायन सफारी, को 20 मई 2025 तक बंद कर दिया गया। सेंट्रल जू अथॉरिटी ने चिड़ियाघरों में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रभाव की जांच के लिए एक टीम गठित की है।
Bird Flu in UP : सरकार के प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- जैवसुरक्षा उपाय: सभी चिड़ियाघरों, पक्षी अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों, वेटलैंड्स, और गौशालाओं में नियमित सैनिटाइजेशन, ब्लो-टॉर्चिंग, और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य की गई है।
- कर्मचारियों का प्रशिक्षण: चिड़ियाघर कर्मचारियों को एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण, प्रसार, और रोकथाम के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। पीपीई किट और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग अनिवार्य है।
- पोल्ट्री फार्मों की निगरानी: पोल्ट्री फार्मों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, और पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर नियंत्रण लागू है।
- स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता: मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है, और मानव संचरण को रोकने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
- केंद्र सरकार के साथ समन्वय: सेंट्रल जू अथॉरिटी, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्य और डेयरी विभाग, और बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के साथ समन्वय स्थापित किया गया है।

आम जनता के लिए सावधानियां
Bird Flu के खतरे को देखते हुए, नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- असामान्य पक्षी मृत्यु की सूचना दें: यदि आपको कोई बीमार या मृत पक्षी दिखे, तो तुरंत स्थानीय पशु चिकित्सा विभाग को सूचित करें।
- पक्षियों के शवों से बचें: मृत पक्षियों को छूने या संभालने से बचें।
- हाइजीन का ध्यान रखें: नियमित रूप से हाथ धोएं और खाना पकाने से पहले पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह साफ करें।
- पोल्ट्री उत्पादों का सावधानीपूर्वक उपयोग: सुनिश्चित करें कि मुर्गी और अंडे पूरी तरह पके हुए हों।
- जागरूक रहें: स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सलाह का पालन करें।
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चुनौतियां
Bird Flu in UP : हालांकि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, पशु चिकित्सा सेवाओं में डॉक्टरों और फार्मासिस्टों की कमी एक बड़ी चुनौती है। यह स्थिति बर्ड फ्लू के प्रबंधन में बाधा डाल सकती है। इसके अलावा, जनता में जागरूकता की कमी भी एक समस्या है, जिसे दूर करने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है।