बिहार चुनाव 2025 : NDA vs Mahagathbandhan – एक तीखी जंग की शुरुआत
Bihar Election 2025 : NDA vs Mahagathbandhan
NDA vs Mahagathbandhan : बिहार की राजनीतिक गलियों में इन दिनों चुनावी आग सुलग रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव, जो 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, राज्य की सियासत को नई दिशा देने वाले हैं। सत्ताधारी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी Mahagathbandhan के बीच यह मुकाबला न केवल सत्ता का खेल है, बल्कि विकास, रोजगार और सामाजिक न्याय की लड़ाई भी है।
Bihar Election 2025 : विकास की राह या जंगल राज का डर?
बिहार, जहां 7.6 करोड़ मतदाता अपने भविष्य का फैसला करेंगे, हमेशा से ही जातिगत समीकरणों और आर्थिक चुनौतियों का केंद्र रहा है। NDA, जिसमें BJP और JDU मुख्य हैं, “विकास” का मंत्र दोहरा रही है। वहीं, महागठबंधन – RJD, कांग्रेस और वाम दलों का संयोजन – “न्याय” और “रोजगार” के नाम पर जनता को लुभा रहा है। बेरोजगारी की दर 7-8% के आसपास घूम रही है, और युवा वर्ग इस चुनाव का निर्णायक कारक बनेगा। EBC (18%) और यादव (14%) जैसे वोट बैंक पर दोनों पक्षों की नजरें टिकी हैं।
कल ही, 23 अक्टूबर को अभियान की औपचारिक शुरुआत हुई, और आज भी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही। सोशल मीडिया पर #BiharElection2025 ट्रेंड कर रहा है, जहां लाखों यूजर्स रैलियों के लाइव अपडेट्स शेयर कर रहे हैं।

NDA vs Mahagathbandhan : वादों की बौछार और तंजों की बरसात
NDA और Mahagathbandhan के बीच यह टक्कर किसी महाभारत से कम नहीं। NDA का दावा है कि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार ने बुनियादी ढांचे में प्रगति की है – सड़कें, बिजली और शिक्षा में सुधार। पीएम मोदी ने समस्तीपुर में कारपूरी ठाकुर की जन्मभूमि पर श्रद्धांजलि देकर EBC वोटरों को संदेश दिया: “सामाजिक न्याय हमारा मूलमंत्र है।” बेगूसराय रैली में उन्होंने महागठबंधन पर “जंगल राज” लौटाने का आरोप लगाया और मुफ्त बिजली, सस्ते एलपीजी तथा छात्रों के लिए लैपटॉप जैसे वादे दोहराए। BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे “विकास vs विनाश” की जंग करार दिया।
NDA vs Mahagathbandhan : दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने सहरसा और पटना की रैलियों में “हर घर में एक नौकरी” का दम भरा। उनका वादा है – सरकार बनने के 20 महीनों में 2.6 करोड़ सरकारी नौकरियां, जिसमें जीविका दीदियों को 30,000 रुपये मासिक वेतन शामिल। “20 सालों में जो नहीं हुआ, 20 महीनों में हो जाएगा,” उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा। यादव ने अमित शाह के बयानों का हवाला देकर दावा किया कि NDA नीतीश को “अपहरण” कर मुख्यमंत्री पद से हटा देगी। महागठबंधन के सीट-शेयरिंग विवाद को भी उन्होंने “सुलझा लिया” बताया।
युवाओं की उम्मीदें और जातिगत समीकरण: कौन जीतेगा बाजी?
इस चुनाव में युवा और महिलाएं किंगमेकर साबित होंगी। एनडीए पिछली बार 125 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी, लेकिन महागठबंधन ने 2020 में कड़ी टक्कर दी थी। विश्लेषकों का मानना है कि मतदान प्रतिशत अगर 60% से ऊपर रहा, तो हार-जीत का अंतर महज 10-15 सीटों का होगा। बिहार की 243 सीटों पर अभी सीट-शेयरिंग अंतिम रूप ले रही है, लेकिन दोनों गठबंधनों में आंतरिक कलह की खबरें आ रही हैं।

NDA को ऊपरी जातियों और EBC का समर्थन है, जबकि महागठबंधन यादव-मुस्लिम-दलित फॉर्मूला पर निर्भर। क्या मोदी का करिश्मा फिर चलेगा, या तेजस्वी की युवा अपील कामयाब होगी? समय ही बताएगा।
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बिहार का भविष्य, आपकी पसंद पर
NDA vs Mahagathbandhan : बिहार चुनाव 2025 न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का अवसर है। NDA vs Mahagathbandhan की यह जंग हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र में वोट की ताकत सर्वोपरि है। पाठकों से अपील है – जागरूक रहें, तथ्यों पर विचार करें और 6-11 नवंबर को निश्चित रूप से वोट डालें। “चिंता-मुक्त बिहार” का सपना साकार करने के लिए यह चुनाव मील का पत्थर साबित होगा।