Annu Rani : भारत की भाला फेंक स्टार की नई उपलब्धियों की कहानी

 Annu Rani : भारत की भाला फेंक स्टार की नई उपलब्धियों की कहानी

Annu Rani

Annu Rani, भारत की शीर्ष भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) एथलीट, ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल देश का नाम रोशन किया है, बल्कि विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरधना के बहादरपुर गांव की रहने वाली अन्नू ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा से लाखों लोगों को प्रेरित किया है। इस ब्लॉग में, हम उनकी नवीनतम उपलब्धियों, उनके संघर्ष की कहानी, और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।

हाल की उपलब्धियां

पोलैंड में स्वर्ण पदक

7 अगस्त 2025 को, अन्नू रानी ने पोलैंड में आयोजित 8वें इंटरनेशनल वीस्लाव मानियाक मेमोरियल मीट में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 62.59 मीटर की दूरी के साथ सीजन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो हासिल किया। यह टूर्नामेंट वर्ल्ड एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर ब्रॉन्ज लेवल का हिस्सा था। इस जीत ने न केवल उनकी वापसी को मजबूत किया, बल्कि विश्व चैंपियनशिप 2025 के लिए उनकी संभावनाओं को भी बढ़ा दिया।

Annu Rani
Annu Rani

अर्जुन अवार्ड 2024

3 जनवरी 2025 को, भारत सरकार ने अन्नू रानी को प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा की। यह पुरस्कार उनके खेल में उत्कृष्ट योगदान और देश के लिए गौरवपूर्ण प्रदर्शन के लिए दिया गया। 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। यह उपलब्धि उनके लिए एक मील का पत्थर है और उनके गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई है।

एशियन गेम्स 2023 में इतिहास रचा

Annu Rani ने 2023 में हांगझोउ में आयोजित एशियन गेम्स में 62.92 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत का जैवलिन थ्रो में पहला स्वर्ण पदक था, जिसने 72 साल के सूखे को खत्म किया। इस जीत ने उन्हें “गोल्डन गर्ल” का खिताब दिलाया और नीरज चोपड़ा के साथ उनकी तुलना होने लगी।

Annu Rani की प्रेरणादायक यात्रा

अन्नू रानी का सफर आसान नहीं रहा। एक साधारण किसान परिवार से आने वाली अन्नू ने कई चुनौतियों का सामना किया। उनके पास शुरू में भाला खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने गन्ने को भाला बनाकर अभ्यास शुरू किया। उनके बड़े भाई उपेंद्र ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और कोच की कमी में खुद उनका प्रशिक्षण शुरू किया।

Annu Rani
Annu Rani

उनके पिता अमरपाल सिंह शुरू में उनके खेलने के खिलाफ थे, क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। लेकिन अन्नू ने हार नहीं मानी और चुपके से सुबह-सुबह खेतों में अभ्यास करती थीं। उनके भाई उपेंद्र ने अपने खेल के सपनों को त्यागकर अन्नू को आगे बढ़ने में मदद की।

राष्ट्रीय रिकॉर्ड और उपलब्धियां

अन्नू रानी के नाम 63.82 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है, जो उन्होंने 2022 में हासिल किया था। वह भारत की पहली महिला जैवलिन थ्रोअर हैं, जिन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया। पेरिस ओलंपिक 2024 में, हालांकि वह फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं (55.81 मीटर के थ्रो के साथ), लेकिन उनकी हाल की उपलब्धियों ने दिखाया कि वह अभी भी शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता रखती हैं।

Annu Rani की क्वालीफिकेशन जंग

अन्नू रानी का अगला लक्ष्य सितंबर 2025 में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करना है। 64 मीटर का क्वालीफाइंग मार्क अभी तक उनके लिए चुनौती बना हुआ है, लेकिन पोलैंड में उनके हाल के प्रदर्शन ने विश्व रैंकिंग के जरिए क्वालीफिकेशन की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। वह 10 अगस्त 2025 को भुवनेश्वर में होने वाली विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर ब्रॉन्ज लेवल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी।

Annu Rani
Annu Rani

प्रेरणा का स्रोत

अन्नू रानी की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। गन्ने से भाला फेंकने की प्रैक्टिस से लेकर विश्व मंच पर स्वर्ण पदक जीतने तक, उनकी यात्रा दृढ़ता और समर्पण का प्रतीक है। उनकी कहानी यह सिखाती है कि मेहनत और विश्वास के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

Also Read This : Income Tax Bill 2025 : सरकार ने क्यों वापस लिया और अब क्या बदलाव होंगे नए बिल में?

Annu Rani ने न केवल खेल के मैदान में अपनी छाप छोड़ी है, बल्कि अपनी विनम्रता और मेहनत से लोगों के दिलों में भी जगह बनाई है। पोलैंड में उनकी हालिया जीत और अर्जुन अवार्ड जैसी मान्यताएं उनकी कड़ी मेहनत का प्रमाण हैं। हम सभी को उन पर गर्व है, और हम उनके भविष्य के प्रदर्शनों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

Nimmi Chaudhary

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Bhool bhulaiyaa 3 Teaser and Trailer सावित्रीबाई फुले(Savitribai Phule) महिलाओं को प्रगति के मार्ग पर लाने वाली एक मजबूत सोच