Anil Ambani : हाल के घटनाक्रम और चुनौतियाँ

 Anil Ambani : हाल के घटनाक्रम और चुनौतियाँ

Anil Ambani ED raid update

Anil Ambani, जो कभी भारत के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, हाल के घटनाक्रमों के कारण एक बार फिर सुर्खियों में हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन के रूप में, उनकी यात्रा अरबपति से वित्तीय संकट तक चर्चा का विषय रही है।

Anil Ambani  : एक शानदार अतीत और अस्थिर वर्तमान

अनिल धीरूभाई अंबानी, जन्म 4 जून 1959, रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे हैं। 2006 में हुए बँटवारे के बाद, अनिल ने रिलायंस ग्रुप का नियंत्रण संभाला, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर और रिलायंस कैपिटल जैसी कंपनियाँ शामिल थीं। 2008 में अपने चरम पर, वह दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति थे, जिनकी संपत्ति $42 बिलियन से अधिक थी। हालांकि, बाजार में गिरावट, भारी कर्ज और कानूनी समस्याओं ने उनकी संपत्ति को काफी कम कर दिया। 2020 में, उन्होंने यूके की एक अदालत में दिवालियापन घोषित किया, यह कहते हुए कि उनकी नेट वर्थ शून्य थी। आज, जून 2025 तक, उनकी अनुमानित नेट वर्थ $3 बिलियन है, जो पहले की तुलना में कम है, लेकिन पुनरुत्थान का संकेत देती है।

Anil Ambani
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हाल की खबरें: कानूनी और फाइनेंसियल चुनौतियाँ

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी

24 जुलाई 2025 को, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच के तहत मुंबई और दिल्ली में अनिल अंबानी से जुड़े 40-50 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित करने के बाद हुई। अन्य बैंकों ने भी इसी तरह के कदम उठाने पर विचार किया है। ED की जाँच में फंड डायवर्जन और अनियमित लेखा-जोखा प्रथाओं की जाँच हो रही है, क्योंकि रिलायंस कम्युनिकेशंस वर्तमान में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।

SBI का धोखाधड़ी घोषणा

SBI ने 2020 के फोरेंसिक ऑडिट के आधार पर रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित किया, जिसमें संबद्ध पक्षों को फंड डायवर्जन का खुलासा हुआ। बैंक अब अंबानी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रिपोर्ट करने की योजना बना रहा है, जिससे उनकी क्रेडिट तक पहुँच और सीमित हो सकती है। सितंबर 2024 में केनरा बैंक ने भी रिलायंस कम्युनिकेशंस को धोखेबाज उधारकर्ता घोषित किया था। ये घटनाएँ अंबानी के वित्तीय लेनदेन पर गहन जाँच को दर्शाती हैं।

SEBI का प्रतिबंध और जुर्माना

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अनिल अंबानी और 24 अन्य संस्थाओं, जिनमें रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व अधिकारी शामिल हैं, को पाँच साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया। रिलायंस होम फाइनेंस से फंड डायवर्जन के कारण ₹25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया। यह प्रतिबंध अंबानी की सूचीबद्ध कंपनियों में प्रमुख प्रबंधकीय भूमिकाएँ निभाने की क्षमता को सीमित करता है और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जाँच को बढ़ावा दे सकता है।

Anil Ambani
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यूके कोर्ट और चीनी बैंक

Anil Ambani की कानूनी परेशानियाँ भारत तक सीमित नहीं हैं। 2020 में, यूके की एक अदालत ने उन्हें तीन चीनी बैंकों—इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना—को $716 मिलियन का भुगतान करने का आदेश दिया, जो रिलायंस कम्युनिकेशंस के डिफॉल्टेड लोन से संबंधित था। अंबानी ने व्यक्तिगत गारंटी देने से इनकार किया, लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया। ये बैंक अब उनकी वैश्विक संपत्तियों की तलाश में हैं।

व्यावसायिक प्रयास: पुनरुत्थान के संकेत?

इन चुनौतियों के बावजूद, Anil Ambani का रिलायंस ग्रुप रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में पुनरुत्थान के संकेत दे रहा है।

रिलायंस डिफेंस साझेदारी

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस ने उल्लेखनीय साझेदारियाँ हासिल की हैं। 2025 में, इसने भारत में 200 से अधिक विमानों और हेलीकॉप्टरों के उन्नयन के लिए अमेरिका की कोस्टल मैकेनिक्स के साथ साझेदारी की। इसके अलावा, जर्मन रक्षा दिग्गज राइनमेटल से ₹600 करोड़ का निर्यात ऑर्डर हासिल करना गोला-बारूद निर्माण में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रिलायंस डिफेंस की स्थिति को मजबूत करता है।

नवीकरणीय ऊर्जा की ओर कदम

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर नवीकरणीय ऊर्जा में विस्तार कर रहे हैं। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सौर उपकरण और बैटरी निर्माण इकाइयों की स्थापना की योजना बना रहा है, जबकि रिलायंस पावर ने रिलायंस एनयू एनर्जीज़ नामक एक नई सहायक कंपनी बनाई है, जो नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर ध्यान देगी। समूह ने भूटान में दो मेगा पावर प्रोजेक्ट्स—500 मेगावाट सौर प्रोजेक्ट और 770 मेगावाट जलविद्युत प्रोजेक्ट—ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स के साथ संयुक्त उद्यम में हासिल किए हैं।

Anil Ambani
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वित्तीय पुनर्गठन

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपने कर्ज को कम करने में प्रगति की है, जिसमें यस बैंक से ₹273 करोड़ का लोन पूरी तरह चुका दिया गया और LIC और ICICI बैंक जैसे संस्थानों के बकाया को भी चुकाया गया। कंपनी को IND B/Stable क्रेडिट रेटिंग में तीन स्तर की उन्नति मिली है। प्रीफरेंशियल शेयर और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से ₹6,014 करोड़ जुटाने की योजना नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में विस्तार के लिए है। इसी तरह, रिलायंस पावर ने Q1 FY26 में ₹44.68 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया और अपनी सहायक कंपनी रोजा पावर ने ₹850 करोड़ का कर्ज चुकाकर कर्ज-मुक्त होने की दिशा में कदम बढ़ाया।

बाजार प्रदर्शन

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों ने हाल ही में मजबूत रिटर्न दिए हैं। रिलायंस पावर के शेयर 2025 में 113% बढ़े, जो स्वच्छ ऊर्जा जीत और कर्ज में कमी से प्रेरित हैं, जबकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने सितंबर 2024 से 56% की वृद्धि दर्ज की। हालांकि, चल रही जाँच के बीच अल्पकालिक अस्थिरता बनी हुई है।

Anil Ambani की कहानी चुनौतियों के बीच दृढ़ता की है। उनकी कानूनी और वित्तीय समस्याएँ गंभीर हैं, लेकिन रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा में उनके हाल के कदम उनके साम्राज्य को पुनर्जनन की ओर ले जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में विकास की संभावनाएँ हैं, लेकिन सफलता नियामक बाधाओं को पार करने और निवेशकों का विश्वास बहाल करने पर निर्भर करेगी।

Anil Ambani
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Anil Ambani : ED की छापेमारी, SEBI का प्रतिबंध और धोखाधड़ी के आरोपों ने जाँच को तेज कर दिया है, जिससे उनके पुनरुत्थान की संभावनाओं पर सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का तर्क है कि उनकी नेतृत्व शैली और पुरानी व्यावसायिक रणनीतियों ने उनकी गिरावट में योगदान दिया, जबकि समर्थक प्रणालीगत चुनौतियों और अनुचित निशाने की बात करते हैं।

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Anil Ambani का अरबपति से दिवालियापन और फिर पुनरुत्थान की ओर बढ़ने का सफर भारतीय व्यवसाय की उतार-चढ़ाव वाली कहानी है। ED की छापेमारी और कानूनी लड़ाइयों के बीच, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा पर उनका ध्यान एक नया अध्याय शुरू कर सकता है। हालांकि, परिणाम अनिश्चित है, और उनकी विरासत अधर में लटकी हुई है। इस कहानी के और अपडेट के लिए बने रहें।

Nimmi Chaudhary

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