Bihar : नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा विकास के लक्ष्यों पर तेजस्वी यादव के सवालों से उठा सियासी तूफान
बिहार(Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) एक बार फिर अपनी महत्वाकांक्षी ‘प्रगति यात्रा'(Pragati Yatra) जो 23 दिसंबर को लेकर सुर्खियों में हैं। जहां इस पहल का उद्देश्य सरकार की विकासात्मक उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है, वहीं इसने राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस यात्रा पर दस सीधे सवाल उठाए हैं, जो इसके समय, उद्देश्य और प्रभाव पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
Bihar : ‘प्रगति यात्रा’ क्या है?
‘प्रगति यात्रा’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) द्वारा शुरू की गई एक राज्यव्यापी यात्रा है, जिसका उद्देश्य जनता के साथ बातचीत करना, विकासात्मक परियोजनाओं का आकलन करना और feedback एकत्र करना है। इसे जमीनी स्तर से जुड़ने का प्रयास बताया गया है, लेकिन आलोचकों ने इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम के रूप में देखा है।
तेजस्वी यादव के 10 सवाल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने यात्रा की आलोचना करते हुए अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे।
- अभी क्यों? ‘प्रगति यात्रा’ को इस समय पर क्यों शुरू किया गया है? क्या यह आगामी चुनावों से जुड़ा हुआ है?
- विकास या प्रचार? क्या यह यात्रा वास्तव में विकास के बारे में है, या यह करदाताओं के पैसे से वित्त पोषित प्रचार है?
- जमीनी हकीकत जब सरकार के पास प्रशासनिक तंत्र मौजूद है, तो जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए यात्रा की आवश्यकता क्यों है?
- बेरोजगारी का समाधान यह यात्रा बिहार के युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को कैसे संबोधित करती है?
- जातिगत जनगणना जातिगत जनगणना की मांगों पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई है?
- स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार जर्जर स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में सुधार के लिए क्या योजना बना रही है?
- भ्रष्टाचार सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- किसानों का कल्याण यह यात्रा उन किसानों की आजीविका को कैसे प्रभावित करेगी जो अपर्याप्त सिंचाई और वित्तीय सहायता से जूझ रहे हैं?
- महिलाओं की सुरक्षा राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- बजट आवंटन ‘प्रगति यात्रा’ पर कितना पैसा खर्च किया जा रहा है, और क्या इसे कहीं और बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सकता था?
Bihar : राजनीतिक प्रभाव
तेजस्वी के तीखे सवालों ने शासन की खामियों पर ध्यान आकर्षित किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बहस बिहार(Bihar) में सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसमें जदयू और राजद शामिल हैं, के भीतर बढ़ते तनाव को दर्शाती है। ‘प्रगति यात्रा’ अगले चुनावों से पहले जनमत को आकार देने का एक अखाड़ा बन गई है।
जनता की प्रतिक्रिया
यात्रा और तेजस्वी यादव द्वारा उठाए गए सवालों पर जनता की प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही हैं। जहां कुछ नागरिक सरकार के जमीनी स्तर से जुड़ने के प्रयास की सराहना करते हैं, वहीं अन्य इसके उद्देश्य और परिणामों पर सवाल उठाते हैं।
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‘प्रगति यात्रा’ ने बिहार(Bihar) की विकासात्मक प्राथमिकताओं पर एक महत्वपूर्ण चर्चा छेड़ दी है। तेजस्वी यादव के सवाल यह याद दिलाते हैं कि राजनीतिक जवाबदेही आवश्यक है। जैसे-जैसे बिहार(Bihar) इस राजनीतिक नाटक को देखता है, असली परीक्षा यह होगी कि क्या सरकार की पहलें लोगों के लिए ठोस लाभ में परिवर्तित होती हैं।